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भवानी माइंस में है कोयले का भंडार , श्रमिक संगठनों ने भारी बारिश में जीएम को सौंपा ज्ञापन
डिजिटल डेस्क, जुन्नारदेव(छिंदवाड़ा)। कन्हान क्षेत्र की भवानी भूमिगत खदान को बंद करने की मंशा कोल इंडिया प्रबंधन की है, जिसके लिए तैयारी की जा रही है। हालांकि वेकोलि के श्रमिक संगठन इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
सोमवार को वेकोलि के चार प्रमुख श्रमिक संगठनों ने मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाया और भवानी इंकलाइन माइंस के समीप गेट मीटिंग ली। मीटिंग के दौरान श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रबंधन पर जमकर निशाना साधा। मीटिंग के बाद भारी बारिश में वेकोलि के श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जीएम कार्यालय पहुंचे और उन्होंने भवानी माइंस को यथावत संचालित करने संबंधी ज्ञापन जीएम को सौंपा। भवानी इंकलाइन में आयोजित गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए इंटक के पेंच कन्हान अध्यक्ष और MLA सोहन वाल्मिक ने कहा कि भवानी माइंस में कोयले का अपार भंडार है। उसे जबरन बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यथावत इस माइंस को संचालित किए जाने की मांग प्रबंधन से की। कांग्रेस के सुनील उइके ने कहा कि कन्हान क्षेत्र का व्यवसाय भूमिगत खदानों में कार्यरत कामगारों पर टिका हुआ है। क्षेत्र में संचालित किसी भी खदान को बंद नहीं होने दिया जाएगा। मीटिंग को ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष घनश्याम तिवारी, इंटक, एचएमएस, एटक और सीटू के पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया। मीटिंग के बाद रैली की शक्ल में संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधी जीएम कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने वेकोलि जीएम को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भवानी में है 32 लाख टन कोयले का भंडारण
भवानी अंडरग्राउंड माइंस में लगभग 32 लाख टन कोयले का भंडारण है। यदि इस माइंस को नियमित रूप से संचालित किया जाता है तो इसकी आयु लगभग पंद्रह वर्ष से भी अधिक हो सकती है। लेकिन प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण माइंस को बंद किया जा रहा है, जिसका वेकोलि के श्रमिक संगठन विरोध कर रहे हैं। श्रमिक नेताओं का कहना है कि मांग पूरी होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
Created On :   29 Aug 2017 6:14 PM GMT