- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- भीमा-कोरगांव हिन्सा : सोशल मीडिया...
भीमा-कोरगांव हिन्सा : सोशल मीडिया की वजह से बिगड़े हालात, सतर्क हुई सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के गृहविभाग का मानना है कि भीमा-कोरगांव प्रकरण में राज्यभर में हुई हिंसा के लिए सोशल मीडिया जिम्मेदार है। सोशल मीडिया पर फैलाई कई अफवाहों के चलते स्थिति तनावपूर्ण हुई। इसलिए अब सोशल मीडिया पर खास ध्यान देने का फैसला लिया गया है। पहला विवाद वढू बुद्रुक में हुआ था। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर दुषप्रचार किया गया। सोशल मीडिया पर भड़ाकाऊ वीडियो क्लिपिंग और फोटो भेजे गए। जिससे राज्य भर में स्थिति बिगड़ी। इस लिए राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने पर अस्थाई रुप से इंटरनेट सेवा बंद करने का विकल्प सरकार अपना सकती है। सरकार के लिए सोशल मीडिया पर पाबंदी मुश्किल होगा। पिछले दो दिनों के दौरान पुलिस ने कुछ समय के लिए कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद रखी थी। इसका अच्छा असर देखने को मिला।
नहीं मिली छात्र भारती के कार्यक्रम की अनुमति
दलित आंदोलन से उपजी परिस्थिती के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने गुरूवार को छात्र भारती द्वारा विलेपार्ले इलाके में आयोजित कार्यक्रम को इजाजत देने से इनकार कर दिया। कार्यक्रम में विधान परिषद सदस्य कपिल पाटील, गुजरात के नवनिर्वाचित विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी और दिल्ली स्थित जेएनयू के छात्रनेता उमर खालिद, और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्र नेता ऋचा सिंह का भी भाषण होना था। अचानक आयोजन रद्द होने से वहां पहुंचे विद्यार्थी नाराज हो गए और आंदोलन करने लगे। पुलिस की मनाही के बावजूद आयोजक कार्यक्रम करने पर अड़ गए और हंगामा करने लगे। भाईदास ऑडीटोरियम में कार्यक्रम का आयोजन सुबह 11 बजे से शाम छह बजे के बीच होना था। कार्यक्रम के आयोजक और छात्र भारती के उपाध्यक्ष सागर भालेराव के मुताबिक जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद को न्यौता दिया गया था और आल इंडिया नेशनल समिट का यह कार्यक्रम काफी पहले से तय था और इसके लिए पहले से भाईदास हाल बुक किया गया था। पुलिस ने हंगामें के बाद कई छात्रों के अलावा कपिल पाटील, छात्र भारती के अध्यक्ष दत्ता ढगे, सागरे भालेराव, मुंबई छात्र भारती अध्यक्ष सचिन बनसोडे, रोहित ढाले, ऋचा सिंह को भी हिरासत में ले लिया।
महाराष्ट्र बंद से एसटी को हुआ 20 करोड़ का नुकसान
पुणे में भीमा-कोरेगांव में भड़की हिंसा के विरोध में बुलाए गए बंद के दौरान हुए आंदोलन के कारण राज्य सड़क परिवहन महामंडल (एसटी) को लगभग 20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। गुरुवार को प्रदेश के परिवहन मंत्री व एसटी महामंडल के अध्यक्ष दिवाकर रावते ने यह जानकारी दी। रावते ने बताया कि एसटी महामंडल को आर्थिक नकुसान हुआ है लेकिन आंदोलन कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एसटी को हुए नुकसान को आंदोलनकर्ताओं से नहीं वसूला जाएगा। रावते ने बताया कि एसटी महामंडल खुद ही नुकसान का वहन करेगा। दो दिन एसटी की 217 बसों की तोड़फोड़ के कारण लगभग 1 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा बंद के दौरान 250 एसटी बस डिपो में 213 बस डिपो बंद थे। इस कारण एसटी महामंडल को 19 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है।
Created On :   5 Jan 2018 5:19 PM IST