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लबालब हुआ माचागोरा डेम, बुझा रहे भीमगढ़ और बेनगंगा की प्यास

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। लबालब हो चुके माचागोरा डेम के पानी पर महाराष्ट्र की नजर लगातार बनी हुई है। महाराष्ट्र सरकार माचागोरा बांध से 4 टीएमसी पानी मांग रही है। माचागोरा के गेट खोलकर पानी देने के लिए उच्च स्तर पर दबाव भी बनाया जा रहा है। इस दबाव को कम करने जल संसाधन विभाग ने करीब 20 दिन पहले लेफ्ट बैंक केनाल (एलबीसी) से पानी छोडऩा शुरू कर दिया था। एलबीसी से पानी बखारी ब्रांच केनाल होते हुए सिवनी जिले के भीमगढ़ बांध पहुंचाया जा रहा है। अब राइट बैंक केनाल (आरबीसी) से भी पानी छोडऩा शुरू कर दिया है। आरबीसी से 3 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो नाले से होकर पेंच नदी में मिल रहा है।
एलबीसी से बढ़ाई पानी की मात्रा
पेंच परियोजना की लेफ्ट बैंक केनाल पहले ही खोल दी गई थी। पहले 5 क्यूमेक (क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड) की दर से पानी छोड़ा जा रहा था। अब उसे बढ़ाकर 7 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड कर दिया गया है। उक्त पानी बखारी ब्रांच केनाल से होते हुए नक्टा नाला से बैनगंगा में मिल रहा है।
90 फीसदी भरा माचागोरा बांध
माचागोरा बांध 90 फीसदी तक भर गया है। माचागोरा बांध की कुल क्षमता 625.75 मीटर है, इसके विरूद्ध डेम का वाटर लेवल 624.94 मीटर तक पहुंच गया है। यानी करीब पौन मीटर ही भरना शेष रह गया है। डेम में 381.21 एमसीएम पानी जमा हो चुका है।
625.25 पर खुलेंगे गेट
इस सीजन में माचागोरा बांध के गेटों को खोलने की नौबत नहीं आई है। नवरात्र के पूर्व मौसम विभाग ने बारिश का पूर्वानुमान लगाया था, लेकिन नवरात्र के दौरान बारिश नहीं हुई। इधर विभाग ने 625.25 मीटर लेवल आने पर गेट खोलने के लिए अलर्ट जारी कर दिया था।
महाराष्ट्र का दबाव क्यों
महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर व आसपास जलापूर्ति करने वाला तोतलाडोह डेम भरा नहीं है। जिससे आने वाले दिनों में नागपुर में पेयजल संकट विकराल रूप ले सकता है। महाराष्ट्र सरकार फिलहाल माचागोरा बांध का गेट खोलकर पानी मांगने के साथ पेंच नदी के पानी के पुन: बंटवारे को लेकर दबाव बना रही है। पिछले सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी के साथ मप्र और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक भी हो चुकी है।
मांगने पर किसानों को और मिलेगा पानी
खरीफ सीजन की फसलों को प्रोटेक्शन देने के लिए आरबीसी नहर से ट्रायल के तौर पर पानी छोड़ा जा रहा है। किसान यदि डिमांड करते हैं तो और पानी की मात्रा बढ़ाई जाएगी।
- डीके मिश्रा, एसई, जल संसाधन विभाग, छिंदवाड़ा
Created On :   2 Oct 2017 1:32 PM IST