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मजदूरी की रकम से खरीदी सायकिलें और चल पड़े अपने-अपने गांव

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/पांढुर्ना। लॉक डाउन लगने के बाद काम बंद होने और भूखे-प्यास से व्याकुल मजदूरों का अपने गांवों की ओर पलायन जारी है। रविवार को 18 मजदूर साइकिलों से अपने गांव की ओर जा रहे थे। यह मजदूर महाराष्ट्र के नांदेड़ से आ रहे थे और उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जा रहे थे। लॉक डाउन में कोई साधन नहीं मिलने की वजह से सभी साथी मजदूरों ने साइकिलों से घर चलने का फैसला लिया, जिसके लिए करीब 85 हजार रुपए जुटाए और 18 नई साइकिलें खरीदकर अपने गंतव्य की ओर निकल गए।
साइकिल से जा रहे मजदूर सूरजसिंग, मोहन यादव, अवधेश कुमार ने बताया कि नांदेड़ में गुजराज की कुणाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से ब्रिज निर्माण का काम कर रहे थे। लॉक डाउन लगने के बाद कंपनी ने काम बंद कर दिया और हम सभी को नांदेड़ में ही छोड़ दिया। घर भेजना तो दूर कंपनी ने तनख्वाह भी नहीं दी। लगातार बिगड़ती स्थिति के बाद सभी ने एक राय होकर साइकिल से गांव महाराजगंज जाने का फैसला ले लिया। जिसके थोड़े पास के और कुछ पैसे गांव से मंगवाकर एक दुकान से 85 हजार रुपए की 18 साइकिलें खरीद ली। इसके बाद कुछ जरूरत का सामान लेकर गांव की ओर निकल गए।
लॉक डाउन के बाद करीब एक महीने तक नांदेड़ में रहने के बाद सभी ने मन पक्का किया और गांव जाने के लिए निकल पड़े, अब घर कब पहुंचेंगे यह अलग बात है। रास्ते में खाने-पीने की दिक्कत पर मजदूरों ने बताया कि रास्ते में भोजन पकाने के लिए सामान भी रखा है और फिलहाल खाने की कोई कमी नहीं है, अब जब तक शरीर साथ दे, उतना चलते रहेंगे। यह सभी मजदूर चार दिन पहले नांदेड़ से निकले थे और नांदेड़ से महाराजगंज के बीच पांढुर्ना पहुंचने के बाद करीब चार सौ किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके थे। मजदूरों ने बताया कि जाने के लिए साइकिल खरीदने का फैसला इसलिए लिया, क्योंकि यह साइकिल बाद में गांव में काम आएगी।
Created On :   10 May 2020 8:41 PM IST