उद्धव ठाकरे व उनके परिवार को बड़ी राहत-बेहिसाब संपत्ति की जांच कराने की मांग से जुड़ी याचिका खारिज

Big relief to Uddhav Thackeray and his family
उद्धव ठाकरे व उनके परिवार को बड़ी राहत-बेहिसाब संपत्ति की जांच कराने की मांग से जुड़ी याचिका खारिज
हाईकोर्ट उद्धव ठाकरे व उनके परिवार को बड़ी राहत-बेहिसाब संपत्ति की जांच कराने की मांग से जुड़ी याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मंगलवार को शिवसेना (उद्धव ठाकरे) पक्ष प्रमुख व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि व पूर्व मंत्री बेटे आदित्य को बड़ी राहत प्रदान की हैं। हाईकोर्ट ने उद्धव के परिवार के बेहिसाबी संपत्ति की जांच ईडी व सीबीआई से कराने की मांग से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया है। ठाकरे परिवार की संपत्ति की जांच करने का निर्देश देने की मांग को लेकर मुंबई निवासी गौरी भिड़े ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद 8 दिसंबर 2022 को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। मंगलवार को न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति वाल्मिकी मेंजिस की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए भिड़े की याचिका को खारिज कर दिया। 

खंडपीठ ने याचिका को तथ्यहीन मानते हुए इसे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया और याचिकाकर्ता (गौरी भिड़े व अभय भिड़े) पर 25 हजारु रुपए का जुर्माना भी लगाया। खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका में जो आरोप लगाए हैं उसको लेकर कोई भी ठोस सबूत नहीं पेश किए हैं। एक तरह से कोर्ट में सबूतहीन याचिका दायर की गई है। जिसके आधार पर सीबीआई व ईडी को मामले की जांच का निर्देश नहीं दिया जा सकता है। प्रथम दृष्टया याचिका में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसके निष्कर्ष के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी अथवा किसी और को जांच का निर्देश दिया जा सकें। 

खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाते समय उस तर्क को भी अस्वीकार कर दिया जिसके तहत दावा किया गया था कि मुंबई महानगरपालिका में बढ़े भ्रष्टाचार का ठाकरे की परिवार की बढ़ी संपत्ति से सीधा संबंध है। खंडपीठ ने कहा कि हमें ठाकरे परिवार की संपत्ति व मनपा के भ्रष्टाचार से कोई लिंक जुड़ा नजर नहीं आता है। लिहाजा याचिका को खारिज किया जाता है। सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे की ओर से पैरवी करनेवाले वरिष्ठ अधिवक्ता आस्पि चिनॉय ने दावा किया था कि  यह याचिका अनुमान व आधारहीन तथ्यों के आधार पर दायर की गई है। इसलिए इस पर सुनवाई न की जाए। याचिका कानून प्रक्रिया का दुरुपयोग है।  

याचिका में मुख्य रुप से उद्धव ठाकरे,उनकी पत्नी रश्मि, पूर्व मंत्री व बेटे आदित्य तथा उनके भाई की संपत्ति की जांच ईडी व सीबीआई को करने का निर्देश देने की मांग की गई थीभिड़े ने याचिका में दावा किया था कि ठाकरे,उनकी पत्नी रश्मि व बेटे आदित्य ने आधिकारिक रुप से कभी अपने के आय के स्त्रोत के रुप में अपने पेशे, नौकरी व कारोबार की घोषणा नहीं की हैं। फिर भी वे मुंबई व रायगढ में करोड़ो रुपए की संपत्ति के मालिक है। याचिका में अखबार "सामना' के प्रिटिंग प्रेस से की गई कमाई को लेकर भी सवाल उठाया गया था। 

Created On :   14 March 2023 9:52 PM IST

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