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Pune News: रात के अंधेरे में ताम्हिणी की खाई में खींच ले गई मौत, तीन दिन बाद मिली लाशें

- सोमवार को हुआ था हादसा, गुरुवार को ड्रोन ने ढूंढ निकाला
- कोंकण घूमने निकले थे पुणे के छह युवकों
- युवक घर नहीं लौटे तब उनके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई
भास्कर न्यूज, पुणे। पुणे से कोंकण घूमने निकले पुणे के छह युवकों की थार गाड़ी ताम्हिनी घाट में 500 फीट गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में थार में सवार सभी छह युवकों की मौत हो गई है। हादसा सोमवार देर रात हुआ, लेकिन अंधेरा और सुनसान इलाका होने की वजह से किसी को इस घटना का पता नहीं चला। गुरुवार को ड्रोन की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसके बाद गाड़ी और मृतक मिले।

मृतकों की पहचान शहाजी चव्हाण (22, कोंडवे धावड़े), पुनीत सुधाकर शेट्टी (20), साहिल साधु फिंगर्स (24), श्री महादेव कोली (18), ओंकार सुनील कोली (18), शिवा अरुण माने (19, सभी निवासी कोपरे गांव, पुणे) के रूप में हुई है। कोंकण घूमने के लिए निकले पुणे के निवासी ये युवक घर नहीं लौटे तब उनके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके बाद की गई खोजबीन में इस हादसे का खुलासा हुआ।
कैसे हुआ हादसा?
सोमवार रात करीब 11.30 बजे ये सभी दोस्त पुणे के उत्तमनगर से महिंद्रा थार गाडी (MH 12 YN 8004) से कोंकण के लिए निकले थे। इसके बाद उनका अपने परिवार से संपर्क टूट गया। परेशान परिवारों ने उत्तमनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद लोकेशन और सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने ताम्हिनी घाट इलाके में तलाश शुरू की। गुरुवार को ड्रोन की मदद से 500 फीट गहरी खाई में एक थार गाड़ी देखी गई, पास में ही युवकों के शव भी देखे गए।
मुश्किल था रेस्क्यू ऑपरेशन
खाई बहुत गहरी और खड़ी होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किल था। तीन शव निकाल लिए गए हैं, जबकि बाकी तीन शवों को निकालने का काम देर रात तक चल रहा था। रेस्क्यू में मानगांव पुलिस, रायगढ़ डिज़ास्टर मैनेजमेंट टीम, मुलशी तालुका डिज़ास्टर मैनेजमेंट टीम, शेलार मामा रेस्क्यू टीम, पुणे रेस्क्यू टीम और स्थानीय गांववाले शामिल हुए। कोंडेथर गांव से आगे, ढलान शुरू होती है, अब खड़ी ढलान वाला पहला बड़ा मोड़ है। पुलिस के मुताबिक, इस पॉइंट पर ड्राइवर का कंट्रोल खो गया और गाड़ी सीधे खाई में गिर गई।
सुरक्षा के उपाय ज़रूरी
स्थानीय गांववालों ने कहा कि ताम्हिनी घाट को डिज़ास्टर ज़ोन के तौर पर जाना जाता है। तीखे मोड़, गहरी खाइयां और घने जंगल की वजह से यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। उन्होंने मांग की है कि घाट इलाके में मोटी कंक्रीट की दीवारें/सेफ्टी बैरियर लगाए जाएँ, स्पीड लिमिट कंट्रोल करने के उपाय, और चेतावनी साइन लगाने के साथ इलाके में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। यहां सुरक्षा के लिहाज से लगाईं गई लोहे की रेलिंग काफी नहीं हैं। मजबूत सेफ्टी दीवारों और स्पीड कंट्रोल के बिना, एक्सीडेंट रोकना मुश्किल है।
Created On :   20 Nov 2025 8:22 PM IST












