Pune News: नागरिक सुविधा केंद्र में धांधली, मुख्यमंत्री से शिकायत

नागरिक सुविधा केंद्र में धांधली, मुख्यमंत्री से शिकायत
  • अपर तहसीलदार की मिलीभगत का आरोप
  • बिना अनुभव वाली संस्था को ठेका

भास्कर न्यूज, पिंपरी-चिंचवड़। शहर स्थित नागरिक सुविधा केंद्र (सेतु केंद्र) में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। इस पूरी प्रक्रिया में अपर तहसीलदार की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता संजय धूतड़मल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से हस्तक्षेप की मांग की है। धूतड़मल ने पत्र में आरोप लगाया है कि जिस संस्था को नागरिक सुविधा केंद्र चलाने का ठेका दिया गया है, उसके प्रबंधन में शामिल एक व्यक्ति पहले भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की कार्रवाई का सामना कर चुका है। इसके बावजूद इस संस्था को ठेका दिया गया और यहां से फर्जी प्रमाण पत्रों का वितरण तथा पैसों के लेनदेन के जरिए कई काम किए जा रहे हैं।

- बिना अनुभव वाली संस्था को ठेका

अपर तहसील कार्यालय में स्थित नागरिक सुविधा केंद्र गुजरात इन्फोटेक नाम की कंपनी को दिया गया है। धुतडमल का आरोप है कि इस कंपनी ने आगे बिना किसी अनुभव वाली एक दिव्यांग संस्था को काम पर लगा दिया। इस केंद्र में पिछले 10 से 12 वर्षों से काम कर रहे कई ऑपरेटरों को अचानक हटा दिया गया, जिससे उनकी आजीविका पर संकट आ गया है। धूतड़मल ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि गुजरात इन्फोटेक की प्रबंधक महिला ने उनसे 5 लाख रुपये और हर महीने 30,000 रुपये देने की शर्त पर उन्हें सहायक प्रबंधक पद और केंद्र चलाने की जिम्मेदारी देने का वादा किया था। लेकिन बाद में बिना किसी पूर्व सूचना के यह ठेका जुलाई 2025 में रामकृष्ण वाघ नामक व्यक्ति को दे दिया गया। धुतडमल का आरोप है कि न सिर्फ उनका पैसा वापस नहीं किया गया, बल्कि उन्हें फंसाने के लिए पुलिस में शिकायतें भी दर्ज कराई गईं। शिकायत में कहा गया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं, जिससे नागरिक लगातार शिकायतें कर रहे हैं। धूतड़मल ने दस्तावेजों में भारी गड़बड़ियों का आरोप लगाया है, जिलाधिकारी के आदेश में रामकृष्ण वाघ को सेतु प्रबंधक बताया गया है। तहसीलदार के पत्र में आदित्य खंडाले का नाम है। जबकि वास्तव में कार्यकाज शैलेश बासुतकर देख रहा है। बताया जा रहा है कि बासुतकर अपनी पत्नी के नाम पर पंजीकृत महा ई-सेवा केंद्र की आईडी का उपयोग कर सरकारी दस्तावेज तैयार करवा रहा है। यहां तक कि नायब तहसीलदार की आय प्रमाण पत्र मंजूरी डेस्क का पासवर्ड भी उसके पास होने का आरोप है। इसके बावजूद तहसीलदार कार्यालय द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई न किए जाने पर धुतडमल ने नाराजगी जताई है और मुख्यमंत्री से जांच के आदेश देने की मांग की है।

Created On :   20 Nov 2025 4:16 PM IST

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