Pune City News: मनपा चुनाव में राष्ट्रवादी को 40 सीट देने को भी तैयार नहीं भाजपा

मनपा चुनाव में राष्ट्रवादी को 40 सीट देने को भी तैयार नहीं भाजपा
  • अजित पवार की राकांपा के प्रमुख दावेदारों को बड़ा झटका
  • किनारे कर दिए गए राष्ट्रवादी नेता

भास्कर न्यूज, पुणे। आगामी मनपा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव में महायुति या महाविकास आघाड़ी को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास की गति बढ़ाने के लिए भाजपा के साथ गई उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को पुणे महापालिका चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है। मनपा चुनाव में महायुति के रूप में चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही राष्ट्रवादी को शहर में 40 सीट देने से भाजपा ने इनकार कर दिया है।

इससे राकांपा से चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को बड़ा झटका लगा है। राज्य चुनाव आयोग ने पहले चरण में नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया है। पिछले चार साल से रुके हुए स्थानीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं, जिस कारण चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। हालांकि, इस उत्साह में पार्टी की उम्मीदवारी न मिलने का डर भी है। पुणे मनपा चुनाव में सत्ताधारी भाजपा ने अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। महायुति को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के तीसरे और चौथे स्तर के कार्यकर्ता और पदाधिकारी स्थानीय स्वशासन निकायों में प्रतिनिधित्व का सपना देखने लगे थे। लेकिन, सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान और भाजपा की हावी भूमिका के कारण शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी आपस में ही बंट गए हैं।

किनारे कर दिए गए राष्ट्रवादी नेता

10 साल तक पुणे मनपा की सत्ता पर काबिज रही राकांपा को अब भाजपा के साथ महायुति में सीट पाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रही है। 2017 के चुनावों में 100 नगरसेवकों के साथ अकेले दम पर सरकार बनाने वाली भाजपा के लगभग हर वार्ड में बड़ी संख्या में उम्मीदवार हैं। भाजपा ने मनपा में फिर कमल खिलाने के लिए कमर कस ली है। इसी कारण शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राकांपा की छिछालेदार हुई है। मनपा में सत्ता हासिल करने के बजाय राजनीतिक करियर बनाए रखने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करने की ख्वाहिश रखने वाले राष्ट्रवादी नेताओं को भाजपा ने किनारे कर दिया है। राकांपा के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि भाजपा के साथ शुरुआती बातचीत में अजित पवार की राष्ट्रवादी ने 41 में से केवल 11 वार्डों में 40 सीटों की मांग की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा के साफ इनकार के बाद भाजपा के साथ दोस्ताना लड़ाई के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अगर महायुति नहीं हुई, तो महाविकास आघाड़ी का विकल्प भी स्वीकार किया जा सकता है।

Created On :   20 Nov 2025 2:49 PM IST

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