पारित हुआ विधेयक : महाराष्ट्र में पहली से दसवीं कक्षा तक मराठी अनिवार्य

Bill passed: Marathi compulsory from first to tenth in Maharashtra
पारित हुआ विधेयक : महाराष्ट्र में पहली से दसवीं कक्षा तक मराठी अनिवार्य
पारित हुआ विधेयक : महाराष्ट्र में पहली से दसवीं कक्षा तक मराठी अनिवार्य

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में अब सभी बोर्ड के स्कूलों में कक्षा पहली से दसवीं तक मराठी भाषा अनिवार्य होगी। राज्य में सभी बोर्ड के स्कूलों में मराठी भाषा विषय पढ़ाना अनिवार्य होगा। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर पहली कक्षा और उच्च प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर कक्षा छठवीं में मराठी भाषा विषय की पढ़ाई लागू की जाएगी। यानि नए शैक्षणिक वर्ष से केवल कक्षा पहली और छठवीं के विद्यार्थियों को मराठी भाषा पढ़ाई जाएगी। इसके बाद चरण बद्ध तरीके से अगले पांच साल यानि 2024-25 तक कक्षा पहली से दसवीं तक मराठी भाषा विषय की पढ़ाई को लागू किया जाएगा। बुधवार को विधान परिषद में महाराष्ट्र के स्कूलों में अध्यापन और अध्ययन के लिए मराठी भाषा की सख्ती करने वाले विधेयक को सर्वसहमति से मंजूर किया गया। राज्य सरकार की ओर से अब मराठी भाषा दिवस के मौके पर गुरुवार को विधानसभा में इस विधेयक को पेश किया जाएगा। राज्य के सीबीएसई, सीआईएसई, ओरिएंटल, आईजीसीएसई, एनआईओएस, एमआइईबी समेत अन्य किसी भी सरकारी अथवा निजी शिक्षा बोर्ड से संलग्न स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य होगा। हालांकि मराठी भाषा की सख्ती की अनिवार्यता से विद्यार्थियों अथवा कक्षाओं को छूट देने का अधिकार सरकार के पास होगा। मराठी भाषा विषय को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग की होगी। इसके लिए स्कूली शिक्षा विभाग नियम बनाएगा। कक्षा पहली से दसवीं तक के लिए पाठ्यक्रम बनाया जाएगा। प्रदेश के मराठी भाषा विभाग के मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि फिलहाल सभी बोर्ड के स्कूलों में मराठी भाषा विषय ऐक्छिक था। लेकिन इस विधेयक लकी मंजूरी के बाद मराठी भाषा विषय अनिवार्य हो जाएगा। मराठी भाषा विषय पढ़ाने के कानून का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के प्रमुख से 1 लाख रुपए का दंड वसूला जाएगा। देसाई ने कहा कि राज्य सरकार का कामकाज मराठी भाषा में प्रभावी रूप से करने दक्षता अधिकारी निगरानी रखेंगे। 

मेरे लिए भाग्य का क्षण- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे जीवन का यह भाग्य का क्षण है कि मेरे कार्यकाल में इस विधेयक को मंजूरी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्कूलों में मराठी भाषा की पढ़ाई होनी ही चाहिए। इससे विद्यार्थियों को मराठी भाषा की अहमियत समझ आएगी। इसके जरिए मराठी भाषा विश्व पटल पर पहुंच सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठी भाषा को अभिजात का दर्जा दिलाने के लिए सरकार की ओर से हर संभव कोशिश की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे बच्चों ने अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई की है। इसको लेकर हमारी आलोचना भी हुई। लेकिन मेरे बेटे अच्छी मराठी बोलते हैं।  

स्कूलों में ऐसे होगा लागू 

प्राथमिक स्तर 

कक्षा     लागू करने का शैक्षणिक वर्ष 
पहली       2020-2021 
दूसरी       2021-2022 
तिसरी      2022-2023     
चौथी       2023-2024
पांचवीं      2024-2025 

उच्च प्राथमिक व माध्यमिक स्तर 

कक्षा     लागू करने का शैक्षणिक वर्ष 
छठवीं       2020-2021 
सातवीं      2021-2022 
आठवीं      2022-2023     
नौवीं       2023-2024
दसवीं      2024-2025
 

Created On :   26 Feb 2020 7:55 PM IST

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