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जिले में बर्ड फ्लू का प्रादुर्भाव नहीं, पर तैयारी पूरी है - मोरे
डिजिटल डेस्क, नागपुर. ठाणे जिले के शहापुर तहसील में बर्ड फ्लू के प्रादुर्भाव की पुष्टि होने से पोल्ट्री व्यवसाय में खलबली मच गई है। इस बीच, जिप पशु संवर्धन अधिकारी कविता मोरे ने जिले में बर्ड फ्लू के प्रादुर्भाव से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि, अभी तक जिले में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
जिला स्तर पर आरआरटी तैयार
पोल्ट्री फार्म में अचानक पक्षियों के मरने का प्रमाण बढ़ने की सूचना मिलने पर उनके नमूने पुणे अथवा भोपाल प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे जाएंगे। इस काम के लिए जिला स्तर पर शीघ्र प्रतिसाद दल (आरआरटी) तैयार है। प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जो उपाययोजना सुझाई जाएगी, उसे अमल में लाया जाएगा।
पक्षी मरने की सूचना के लिए टोल फ्री नंबर : राज्य के किसी भी कोने में कौआ, तोता, बगुले अथवा स्थानांतरित होने वाले पक्षियों के मरने का प्रमाण अचानक बढ़ने या पोल्ट्री फार्म में ज्यदा मुर्गियां मरने पर सूचना के लिए पशु संवर्धन आयुक्तालय ने टोल फ्री नंबर 18002330418 तथा आयुक्तालय का कॉल सेंटर नंबर 1962 जारी किया है।
आधा घंटा उबालने पर निष्क्रिय होता है िवषाणु : पशु संवर्धन आयुक्तालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, बर्ड फ्लू का प्रादुर्भाव होने पर मुर्गी का मांस तथा अंडे 70 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर 30 मिनट उबालने से विषाणु निष्क्रिय हो जाता है। इस तरह उबाला गया मांस या अंडे सेवन करने के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं। संक्रमण को लेकर फैलाई जाने वाली अफवाह पर विश्वास रखकर गलतफहमी न पालने का पशुसंवर्धन आयुक्तालय की ओर से आह्वान किया गया है।
पिछले साल वारंगा में हुआ था संक्रमण : पिछले साल जनवरी महीने में बुटीबोरी के पास वारंगा के एक पोल्ट्री फार्म में अचानक मुर्गियां मरने पर पशु संवर्धन विभाग हरकत में आया था। मुर्गियों के नमूने जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला भेजने पर बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। पशु संवर्धन विभाग ने पोल्ट्री फार्म को कब्जे में लेकर रातों-रात सभी मुर्गियों को दफनाना पड़ा था।
यह बरतें सावधानी... : बर्ड फ्लू के प्रादुर्भाव से पक्षी मरने की शंका होने पर मृत पक्षी को छूने या शव-विच्छेदन करने से बचें। मृत पक्षी का अपने मन से निपटारा न करें। पक्षी या प्राणी संक्रमण की चपेट में आने पर समीपस्थ ग्राम अधिकारी अथवा ग्राम पंचायत प्रभारी को सूचित करना अपेक्षित है। स्थानीय निकाय को सूचना मिलने पर संबंधित पशु चिकित्सक को लिखित जानकारी देनी होगी।
Created On :   20 Feb 2022 6:14 PM IST