बर्ड फ्लू की दहशत: यूरोपियन बर्ड की मौत से मचा हड़कंप, मौके पर पहुंचा विभाग

Bird flu panic: European birds death caused panic, department reached the spot
बर्ड फ्लू की दहशत: यूरोपियन बर्ड की मौत से मचा हड़कंप, मौके पर पहुंचा विभाग
बर्ड फ्लू की दहशत: यूरोपियन बर्ड की मौत से मचा हड़कंप, मौके पर पहुंचा विभाग


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। बर्ड फ्लू की प्रदेश में दस्तक के साथ अलर्ट हुए जिले के अमले को गुरुवार सुबह छिंदवाड़ा शहर के नरसिंहपुर रोड स्थित बालाजी टॉवर के पास यूरोपियन बर्ड बतासी (स्विफ्ट) मृत अवस्था मिला। बर्ड फ्लू की गाइडलाइन के तहत इस बर्ड को कोल्ड केन में रखा है। चिकित्सकों की टीम ने बाहरी परीक्षण में पाया कि बतासी की मौत किसी कीट के खाने से या ठंड से हुई है। राज्यस्तरीय प्रयोगशाला के मार्गदर्शन में उक्त बर्ड को फिलहाल प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित रखा गया है। गुरुवार सुबह  इसी क्षेत्र के एक व्यक्ति ने सूचना दी थी कि एक पक्षी अचानक आकर गिर गया बाद में उसे पानी पिलाने की कोशिश की, लेकिन वह मृत था। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सकों ने इसकी जांच की और मृत पक्षी को जांच के लिए लेकर चले गए।
तीन पशुचिकित्सकों की टीम
ने की जांच
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. एचजीएस पक्षवार ने बताया कि गाइड लाइन का पालन करते हुए तीन पशु चिकित्सकों की टीम ने इस बर्ड का बाहरी तौर पर परीक्षण किया है। बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं। इस बर्ड का नेचर है कि यह आसमान में उड़ते हुए ही अपना भोजन तलाशता है। ऐसी ही परिस्थितियों में इसकी मौत होने की संभावना है।
अक्टूबर में लिए गए थे 80 सेंपल
जिला पशु चिकित्सा विभाग ने सामान्य परीक्षण के तहत अक्टूबर में 80 पोल्ट्री बडर््स की सेंपलिंग की थी। जिनमें किसी भी तरह के संक्रमण नहीं पाए गए। बर्ड फ्लू की गाइड लाइन के तहत बड्र्स के सीरम की सेंपलिंग नहीं करनी है, बल्कि मृत या बीमार बर्ड को ही राज्य स्तरीय प्रयोगशाला में भेजने के निर्देश हैं। जिले में अब तक बीमार या मृत बड्र्स की सूचना नहीं है।
निगरानी के लिए
यह कर रहे
रेपिड रिस्पांस टीम बनी: पशु चिकित्सा विभाग ने जिला स्तर पर दो रेपिड रिस्पांस टीम बनाई है। तीन-तीन डाक्टर्स के साथ दो सहयोगी कर्मचारियों के दल का गठन किया गया है। मृत पक्षियों के मिलने की स्थिति में सिविल सर्जन के नेतृत्व में परीक्षण दल का गठन किया गया है। जो कि यह तय करेंगे कि सेंपल जांच के लिए भेजना है या नहीं।
पोल्ट्री फार्म हुए चिन्हित, निगरानी में जल स्त्रोत भी: जिले में रजिस्टर्ड 100 पोल्ट्रीफार्म में से संचालित 60 पोल्ट्रीफार्म को निगरानी में रखा गया है। इनमें मौजूदा लगभग 1 लाख मुर्गे व मुर्गियों की नियमित निगरानी की जा रही है। पोल्ट्रीफार्म संचालकों को बर्ड फ्लू के प्रति जागरूक करने सोमवार को कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक भी रखी गई है।

Created On :   7 Jan 2021 6:01 PM GMT

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