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विकास से गायब हुई पंछियों की चहचहाहट, फारेस्ट पर राजनीतिक दबाव का आरोप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कभी जिस क्षेत्र में पंछियों की चहचहाहट गूंजती थी आज वहां विकास ही विकास नजर आ रहा है और वन्यजीव गायब । यह वाकया अंबाझरी उद्यान के पिछले हिस्से का है जिसे हाल ही में संरक्षित वन का दर्जा दिया गया है, ताकि इसकी प्राकृतिक धरोहर को बरकरार रखा जा सके। इस संरक्षित वन को वन उद्यान में तब्दील करने के कार्यक्रम का विपरीत असर यहां के जैव विविधता पर पड़ रहा है। पक्षियों पर वर्षों से अध्ययन करने वाले वरिष्ठ पक्षी निरीक्षकों को अंबाझरी संरक्षित वन परिसर को दिए भेंट के दौरान कई चौंकाने वाले दृष्य दिखाई दिए। उनके अनुसार यह पूरा वन क्षेत्र कभी दुर्लभ पक्षियों और वन्यजीवों का अधिवास हुआ करता था, लेकिन अब यहां अधिकांश पक्षियों की प्रजातियां नदारद हैं। यहां करीब 2 हजार के आसपास मोर पाए जाते थे, जो लगातार विकास कार्यों के चलते अब दिखाई नहीं दे रहे हैं। इस बीच वन विभाग के गलियारों में विधान परिषद विधायक परिणय फुके का वन विभाग को लिखा पत्र भी चर्चा में है। वन विभाग पर राजनीतिक दबाव होने की चर्चा जोरों पर है।
वनक्षेत्र में काम का नहीं अनुभव
विधायक फुके के पत्र का हवाला देकर वन विभाग के राजस्व व वन विभाग के कक्ष अधिकारी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वनबल प्रमुख) कोे संबोधित करते हुए कहा है कि अंबाझरी वन उद्यान व वॉटरशेड डेवलपमेंट कार्यक्रम में तेजी लाने के िलए मुख्यमंत्री के ‘कार्यवाही करा’ की टिप्पणी का भी उल्लेख किया गया है। सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि फुके का न तो कोई पर्यावरणसेवा क्षेत्र का पुराना इतिहास रहा है और न ही अंबाझरी उनका निर्वाचन क्षेत्र है। फिर भी संबंधित परियोजना को लेकर वन विभाग को पत्र लिखना समझ से परे है।
बनाई गई है समिति
वनोद्यान और वॉटरशेड परियोजना को साकार करने के िलए 5 सदस्यीय समिति बनाई गई है, जिसमें पक्षी जानकारों को कोई जगह नहीं दी गई है। समिति में मनपा आयुक्त अश्विन मुद्गल, वन विभाग के मुख्य वनसंरक्षक संजीव गौड़, मेलघाट के उप वनसंरक्षक श्रीनिवास रेड्डी, नगर सेविका डॉ. परिणिता फुके व जयदीप दास का समावेश है। मेलघाट के उपवनसंरक्षक, मनपा आयुक्त, नगर सेविका को वन्यजीव क्षेत्र में अधिक सक्रिय नहीं रहने से समिति में रखने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शिकायत मिल रही है कि समिति सदस्य डॉ. परिणिता फुके वहां के वनकर्मियों को सीएम के दौरा का हवाला देकर काम जल्द करने के लिए कहा है। इस मामले में जब परिणय फुके से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उसे संपर्क नहीं हो पाया।
Created On :   13 Dec 2017 2:50 PM IST