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बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने नहीं बनने दिया 'विदर्भ को अलग राज्य'

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाधिवक्ता और विदर्भवादी नेता श्रीहरि अणे ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां विदर्भ राज्य के निर्माण में दुश्मन की भूमिका निभा रही हैं। एसे में खुद की राजकीय शक्ति का निर्माण कर 2019 के चुनाव में दोनो पार्टियों के विरोध में मतदान कर शक्ति का प्रदर्शन करना होगा। इसके लिए सभी छोटे राज्यों की मांग करने वालों को साथ आना होगा। अणे नेशनल फेडरेशन फॉर न्यू स्टेट के दो दिवसीय विदर्भ राज्य अघाडी कार्यक्रम में शनिवार को डॉ.वसंतराव देशपांडे सभागृह में बोल रहे थे। इस अवसर पर कार्याध्यक्ष राजा बुंदेला, सचिव प्रकाश बोडो, पूर्वांचल के कमलेश कुमार जैस्वाल, बोडोलैंड के धीरेन बोडो, शुक्ला नौटिया, नीरज खांदेवाले आदि उपस्थित थे।
अमित शाह के सामने रखेंगे मांग
अणे ने कहा कि सरकार पर दवाब बनाने के लिए छोटे राज्यों का समर्थन हो इसके लिए पार्टियां बनाकर छोटे राज्यों की मांग को कायम रखना होगा। भाजपा हमें राज्य देगी नहीं और कांग्रेस हमारी दुश्मन है। सीएम देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी की चलती नहीं है, इसलिए हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने अपनी बात रखनी होगी।
26 अक्टूबर को दिल्ली में सौंपने ज्ञापन
अभिनेता और संगठन के कार्याध्यक्ष राजा बुंदेला ने कहा कि छोटे राज्य की मांग बढ़ रही है और उनके काम के लिए फेडरेशन लगी हुई है। हमें ऐसा नेता की जरूरत है, जो बात जनता के सामने रखते हैं वही संसद में रखे। चंद्रशेखर ने ऐसा किया तो तेलंगाना बन गया और छोटे राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ जैसे राज्य संपन्न हैं। समारोह के दूसरे दिन छोटे राज्य की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा, इसके बाद में उसकी प्रति फेडरेशन के पदाधिकारी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 26 अक्टूबर को दिल्ली सौंपने जाएंगे। महाराष्ट्र के विदर्भ की मांग के साथ ही बोडोलैंड (असम), गोरखालैंड (पश्चिम बंगाल), पूर्वांचल व बुंदेलखंड (उत्तर प्रदेश-मध्यप्रदेश) आदि छोटे राज्यों के मांग की जाएगी।
छोटे राज्यों की मांग
फेडरेशन स्वतंत्र राज्य की मांग करने वाले संगठनों को एक करने का प्रयास करता है और सबको एक साथ मंच पर आकर दिल्ली में बनाने के लिए अधिवेशन में मंथन किया गया और विदर्भ सहित बुंदेलखंड, बोडोलैंड, गोरखालैंड, पूर्वांचल जैसे नए राज्यों की मांग की गई। इस अवसर पर प्रमुख रूप से बोडोलैंड स्टुडेंट यूनियन, ज्वार्इंट एक्शन कमेटी फॉर ऑटोनोमस, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, भारतीय गोरखा परिसंघ, बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा, कुकी एंड स्टेट डिमांड कमेटी, इंडिजीनस पीपल्स फ्रंट त्रिपुरा आदि संगठनों के प्रतिनिधि अधिवेशन में शामिल थे।
Created On :   15 Oct 2017 5:35 PM IST