शिवसेना को साथ रखने महाराष्ट्र में ये बड़ा त्याग कर सकती है बीजेपी, बैठक के बाद भी सस्पेंस बरकरार  

‌BJP can this big sacrifice in Maharashtra to take Shiv Sena together
शिवसेना को साथ रखने महाराष्ट्र में ये बड़ा त्याग कर सकती है बीजेपी, बैठक के बाद भी सस्पेंस बरकरार  
शिवसेना को साथ रखने महाराष्ट्र में ये बड़ा त्याग कर सकती है बीजेपी, बैठक के बाद भी सस्पेंस बरकरार  

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना के आक्रामक रूख के बावजूद लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के बीच चुनावी गठबंधन होने के संकेत हैं। कुछ सहयोगी दलों के साथ छोड़ने के बाद दबाव में आई भाजपा अब शिवसेना को गठबंधन से बाहर जाने देने के मूड में नहीं है। इसके लिए वह बिहार की तरह महाराष्ट्र में भी अपनी कुछ सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ने को तैयार है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 24 सीट शिवसेना को देने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है। मतलब यह कि दोनों दलों के हिस्से में 24:24 सीटें रहेगी।

जहां तक छोटे सहयोगी दलों का सवाल है तो शिवसेना चाहती है कि भाजपा अपने कोटे में से छोटे दलों को सीटें दे। इसके साथ ही शिवसेना प्रदेश की पालघर की सीट भी अपने लिए चाहती है। हालांकि गठबंधन के इस फार्मूले की पुष्टि किसी ओर से नहीं हुई है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की तगड़ी होती गोलबंदी से परेशान भाजपा शिवसेना जैसी सबसे पुरानी सहयोगी को छोड़ने का जोखिम मोल लेना नहीं चाहती। यही वजह है कि उसने बिहार में जदयू को अपने कोटे की सीटें देकर गठबंधन में बनाए रखा। जानकार बताते हैं कि भाजपा नेतृत्व शिवसेना के साथ गठबंधन बनाए रखने के मूड में है और उसने पार्टी की महाराष्ट्र इकाई को इसी अुनरूप शिवसेना से बात आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। यह अलग बात है कि शिवसेना आज भी सख्त अंदाज में ही दिखी। शिवसेना के राज्य सभा सदस्य संजय राऊत ने ताल ठोंकते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हम बड़े भाई थे और रहेंगे। उनके इस बयान के बाद भाजपा पर न केवल लोकसभा चुनाव में बल्कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना को पहले से ज्यादा सीटें देने का दबाव बढ़ गया है। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 23 सीटें जीती थी तो शिवसेना के खाते में 18 सीटें आई थी। 


महाराष्ट्र में शिवसेना ही बड़ा भाई: राऊत

उधर सीट बंटवारे में ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए मंबई में शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसी रणनीति के तहत शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना ही बड़े भाई के भूमिका में रहेगी। राऊत ने दावा किया कि शिवसेना को गठबंधन के लिए भाजपा की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। हालांकि बैठक में शिवसेना के अधिकांश सांसदों भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की वकालत की। सोमवार को शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री में पार्टी सांसदों की बैठक हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि गठबंधन को लेकर भाजपा की तरफ से शिवसेना के पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है। हमने भाजपा का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है। शिवसेना ने महाराष्ट्र में अपने शर्तों पर राजनीति की है। राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना ही बड़ा भाई है और रहेगी भी। राज्य में शिवसेना ही बड़े भाई की भूमिका निभाएगी। राऊत ने कहा कि भाजपा की तरफ से पालघर और हातकणंगले लोकसभा सीट शिवसेना को देने की खबरें अफवाह हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। शिवसेना के एक सांसद ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि हम भाजपा के साथ आत्मसम्मान खोकर गठबंधन नहीं करेंगे। यदि भाजपा के साथ गठबंधन होगा तो आत्मसम्मान के साथ होगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन के लिए अभी तक भाजपा की तरफ से कोई प्रस्ताव आया ही नहीं है। भाजपा से प्रस्ताव आने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अंतिम फैसला करेंगे।

भाजपा की कमजोर नब्ज पर प्रहार करेगी शिवसेना 

31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में शिवसेना सहयोगी दल भाजपा के कमजोर नब्ज पर प्रहार करती नजर आएगी। शिवसेना राफेल विमान खरीद सौदे, राज्य में पड़े सूखे और आयकर सीमा 8 लाख रुपए करने की मांग को लेकर भाजपा पर दबाव बनाएगी। शिवसेना सांसद राऊत ने दावा करते हुए कहा कि राफेल मामले में हमारे पास कुछ नई जानकारी आई है। संसद में इस मुद्दे को उठाने के लिए बैठक में चर्चा की गई। राऊत ने कहा कि राज्य में पड़े सूखे और किसानों की समस्याओं के बारे में चर्चा हुई।शिवसेना केंद्र सरकार से आयकर सीमा को 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए करने की मांग करेगी। सांसद राऊत ने कहा कि केंद्र शिवसेना के सभी सांसद सरकार से आयकर सीमा 8 लाख रुपए करने की करेंगे। क्योंकि सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए आय सीमा 8 लाख निर्धारित की है। जानकारी के अनुसार पार्टी के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे पीयूष गोयल से 31 जनवरी को मुलाकात करेगा।  

नागपुर में उद्धव करेंगे रैली

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे नागपुर में एक रैली को संबोधित करेंगी। पार्टी के एक नेता ने कहा कि उद्धव के नागपुर के दौरे की रूपरेखा अगले 15 दिनों में तैयार होगी। इसके बाद रैली का आयोजन किया जाएगा। 

Created On :   28 Jan 2019 2:39 PM GMT

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