सत्ता में आने के बाद जमीन पर नहीं टिकते भाजपा के पांव : पवार

BJP is not remained down to earth after getting the rule : Pawar
सत्ता में आने के बाद जमीन पर नहीं टिकते भाजपा के पांव : पवार
सत्ता में आने के बाद जमीन पर नहीं टिकते भाजपा के पांव : पवार

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। भाजपा सत्ता में आने के पूर्व बड़े-बड़े वादे तो करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसके पैर जमीन पर नहीं टिकते। जिस प्रकार की भाषा प्रधानमंत्री इस्तेमाल करते है वह ठीक नहीं है। इसका सबक 3 राज्यों की जनता ने उन्हें दिया है। साथ ही राज्य व केंद्र सरकार द्वारा किसानों की समस्याओं की ओर अनदेखी किए जाने से किसान आत्महत्या बढ़ रही है। जिसकी जानकारी केंद्र द्वारा नहीं दी जा रही है यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री व NCP प्रमुख शरद पवार ने कही। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस वर्ष देश व राज्य में कुछ स्थानों पर सूखे की स्थिति निर्माण हुई है। जिसमें राज्य में पश्चिम महाराष्ट्र, मराठवाड़ा व विदर्भ के अनेक जिलों का समावेश है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा इस ओर अनदेखी की जा रही है। 

विदर्भ के एक भी जिले का नहीं हुआ सर्वे
केंद्रीय कृषि सर्वे टीम द्वारा विदर्भ के किसी भी जिलों का सर्वे नहीं किया गया तथा मराठवाड़ा के कुछ स्थानों पर सर्वे टीम तो गई, लेकिन रात के अंधेरे में टार्च की  रोशनी में निरीक्षण किया। जिससे स्पष्ट समझ में आता है कि किसानों की समस्याओं की ओर भाजपा सरकार कितनी गंभीर है। गोंदिया जिला धान उत्पादक जिला है। राज्य में शासन द्वारा 1740 रुपए धान का समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। वहीं, अब तक बोनस की भी घोषणा नहीं की गई है। वहीं पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश व छत्तीगसढ़ में धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए घोषित किया गया है। इसके साथ ही कपास व सोयाबीन का समर्थन मूल्य भी राज्य में अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है। 

विदर्भ की कृषि संकट में 
वर्तमान में राज्य का मुखिया विदर्भ से होने के बावजूद विदर्भ की कृषि संकट में है। उपरोक्त विषयों को राकांपा द्वारा संसद के सत्र में प्रमुख रूप से उठाया जाएगा। आगामी 2019  के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस राज्य में जिस दल का जनाधार अधिक है, उन्हें नंबर -1 की स्थिति मिलनी चाहिए। वर्ष 2004  में भी चुनाव के पश्चात प्रधानमंत्री का चयन किया गया था। जिसके बाद 10 साल तक स्थिर सरकार दी गई। राज्य में कांग्रेस व एनसीपी व साथ ही छोटे दल मिलकर ही चुनाव में उतरेंगे। प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल, सांसद मधुकर कुकडे, अनिल देशमुख सहित NCP के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। 

जनता ने सिखाया सबक
भाजपा  हमेशा से ही सत्ता में आने के पूर्व बड़े-बड़े वादे तो करती है लेकिन सत्ता में आने के बाद उनके पैर जमीन पर नहीं टिकते। जिसका परिणाम तीन बड़े राज्यों में दिखाई दिया। यही परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव में सामने आएंगे। प्रधानमंत्री जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करते हुए एक ही परिवार पर बार-बार हमला कर रहे हैं वह ठीक नहीं है। इसी नीति के चलते देश की जनता द्वारा भी उन्हें सबक सिखाया जाएगा।  केंद्र के पास किसान आत्महत्या का डाटा नहीं: देश में किसान बड़े पैमाने पर आत्महत्या कर रहे है। इसके पूर्व इस प्रकार की जानकारी केंद्र द्वारा हमेशा अपडेट की जाती थी, लेकिन वर्तमान सरकार के पास किसान आत्महत्या का डाटा नहीं है। इस प्रकार की जानकारी भाजपा के केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा दिया जाना अत्यंत घातक है। 

Created On :   24 Dec 2018 4:05 PM IST

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