भाजपा विधायक ने पूछा - सत्तार कृषिमंत्री हैं या बीमा कंपनी के एजेंट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्य प्रवीण पोटे-पाटील ने बीमा कंपनियों को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार पर गुरुवार को बड़ा हमला बोला। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि सत्तार कृषि मंत्री हैं कि बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि हैं? इस पर सत्तार ने भी पोटे-पाटील पर पलटवार किया। दरअसल सदन में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान पोटे-पाटील प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को नुकसान भरपाई की राशि न मिलने को लेकर आक्रामक हो गए। उन्होंने कहा कि फसलों के नुकसान की जानकारी 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनियों को देने के नियम को शिथिल किया जाना चाहिए। बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि जिलाधिकारियों द्वारा बुलाई बैठक में शामिल होना भी जरूरी नहीं समझते हैं। मुझे सदन में सत्तार के जवाब से आशंका लग रही है। ऐसा लग रहा है कि सदन में सत्तार मंत्री नहीं बल्कि बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि के रूप में जवाब दे रहे हैं। इसके जवाब में मंत्री सत्तार ने कहा कि मुझे पोटे-पाटील के बयान से आश्चर्य लग रहा है। वे मुझ पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। मैं पहला कृषि मंत्री हूं जिसने किसानों को नुकसान भरपाई देने के लिए बीमा कंपनियों से लिखित पत्र लिया है।सत्तार ने कहा कि पोटे-पाटील को मालूम होना चाहिए कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केंद्र सरकार की योजना है। राज्य सरकार को इस योजना के नियमों और शर्तों को बदलने का अधिकार नहीं है। राज्य सरकार केवल नियमों और शर्तों में संशोधन के लिए केंद्र सरकार से आग्रह कर सकती है। इस बीच सत्तार ने कहा कि किसानों को फसल बीमा योजना की नुकसान भरपाई की बकाया राशि 31 मई तक उपलब्ध करा दी जाएगी। पांचों बीमा कंपनियों ने बकाया राशि किसानों को मई महीने के आखिर तक वितरित करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के लाभ के लिए जिन किसानों के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं। ऐसे किसानों के आवेदनों की दोबारा समीक्षा की जाएगी। किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ देने के लिए सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।
Created On :   16 March 2023 9:09 PM IST