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दैनिक भास्कर हिंदी: ब्लैक फंगस का कहर... कोरोना के मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा फंगल इंफेक्शन

कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों को ज्यादा खतरा, शिक्षक कॉलोनी की एक महिला की हो चुकी मौत
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। कोरोना संक्रमित या उसे मात दे चुके मरीजों के लिए अब नया खतरा सामने आ रहा है। जिसे ब्लैक फंगस चिकित्सकीय भाषा में म्यूकॉरमाइकोसिस कहा जा रहा है। शहर के शिक्षक कॉलोनी की एक महिला ब्लैक फंगस का शिकार हुई थी। जिनकी नागपुर में इलाज के दौरान मृत्यु हो चुकी है। कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों को फंगल इंफेक्शन का अधिक खतरा है। ब्लैक फंगस मरीज की आंख की रोशनी, ब्रेन में थक्के जमने, नाक और जबड़े की हड्डी पर असर कर रहा है। पशु चिकित्सालय में पदस्थ शिक्षक कॉलोनी निवासी मुकेेश चौरसिया ने बताया कि उनकी पत्नी 55 वर्षीय सविता चौरसिया कोरोना की चपेट में आई थी। शहर के एक निजी अस्पताल में चार से पांच दिन चले इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गई थी। अस्पताल से लौटने के दूसरे दिन सविता की आंखों के आसपास सूजन और सिर दर्द होने लगा। तीसरे दिन से अचानक आंखों में दिखाई देना बंद हो गया। नेत्र रोग विशेषज्ञ ने उन्हें नागपुर ले जाने की सलाह दी। 27 अप्रैल को नागपुर में एमआरआई कर चिकित्सकों ने बताया कि ब्रेन में थक्का जमा है और ब्लैक फंगस तेजी से फैल रहा है। इलाज के दौरान 28 अप्रैल को नागपुर में सविता चौरसिया का निधन हो गया।
चिकित्सकों का कहना... लक्षण दिखे तो त्वरित इलाज लें-
एमडीएस डॉ. भाविन शाह का कहना है कि कोरोना वायरस और ब्लैक फंगस को गंभीरता से लें। मधुमेह और आवश्यकता से अधिक स्टेरॉयड का उपयोग इस बीमारी की मुख्य वजह बन रही है। ब्लैक फंगस के शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर त्वरित चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज शुरू करें।
ब्लैक फंगस से बचाएगी यह सावधानी-
एमडीएस डॉ. भाविन शाह के मुताबिक इस बीमारी से घबराएं नहीं। अपने मधुमेह की मात्रा कोरोना के इलाज दौरान और बाद में दौ सौ से नीचे रखने का प्रयास करें। इसके अलावा यह सावधानी भी रखें...
- दांतों की सफाई अच्छे से करें।
- माउथवॉश का उपयोग निरंतर करें।
- मुंह और नाक की सफाई रखें।
- अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें।
- हमेशा ताजा भोजन करें।
- मुंह में छाले होने पर इलाज जरुर कराएं।
इसके लक्षण क्या है...
- चेहरा सुन्न पडऩा।
- आंख में सूजन व दर्द और आंखों की रोशनी कम होना।
- सिर दर्द होना।
- साइनस कंजेशन होना।
- मुंह के ऊपरी भाग के जबड़े में तकलीफ होना और बुखार आना।
- नाक बंद होना, उसमें काला क्रस्ट जमा होना।
- दांत हिलने की शिकायत, मसूड़े में सूजन और मवाद निकलना।
पोस्ट कोविड क्लीनिक की होगी शुरूआत-
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जीसी चौरसिया का कहना है कि ब्लैक फंगस से पीडि़त मरीज सामने नहीं आए है, लेकिन ब्रेन और ब्लड में थक्के जमने जैसी शिकायतें जरुर मिल रही है। कलेक्टर सौरभ सुमन के निर्देश पर कोरोना से स्वस्थ मरीजों के लिए पोस्ट कोविड क्लीनिक की शुरूआत की जा रही है। इस क्लीनिक में कोरोना के बाद मरीज को होने वाली अन्य बीमारियों का इलाज किया जाएगा।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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