रेमडेसिविर की कालाबाजारी, अब ड्रग इंस्पेक्टरों में मची खींचतान

Black marketing of Remedisvir, now there is a tussle between drug inspectors
रेमडेसिविर की कालाबाजारी, अब ड्रग इंस्पेक्टरों में मची खींचतान
रेमडेसिविर की कालाबाजारी, अब ड्रग इंस्पेक्टरों में मची खींचतान

न्यू मुनीश मेडिकोज का मामला, शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर, चल रही जाँच
डिजिटलय डेस्क जबलपुर ।
कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में रविवार को मॉडल रोड स्थित न्यू मुनीश मेडिकोज नामक दवा दुकान को सील किया गया था। जानकारों के अनुसार उक्त दुकान से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी होने की शिकायत पर दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन इस मामले में दुकान संचालक कामेश राजानी की भूमिका का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है और पुलिस की जाँच जारी है। उधर कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जाने के बाद ड्रग इंस्पेक्टरों में आपसी खींचतान शुरू हो गई है। 
सूत्रों के अनुसार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में ओमती थाने में जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमें ड्रग इंस्पेक्टर लखन पटैल के नाम से प्रतिवेदन दिया जाना बताया गया है, जबकि एसडीएम आशीष पांडे का दावा है कि एफआईआर के लिए ड्रग इंस्पेक्टर मनीषा धुर्वे के हस्ताक्षर से थाने में प्रतिवेदन किया गया था तो फिर लखन पटैल के नाम से एफआईआर क्यों दर्ज की गई यह गफलत कैसे हुई है इसकी भी जाँच होनी चाहिए। उधर मामले के तूल पकडऩे पर पुलिस व छापा मारने वाली टीम की कार्यप्रणाली पर लोगों को संदेह हो रहा है। 
ये है मामला... 
मॉडल रोड स्थित गुरुद्वारा के नीचे स्थित न्यू मुनीश मेडिकोज नामक दवा दुकान से रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर 18 हजार में बेचे जाने की  शिकायत पर प्रशासन व पुलिस की टीम ने छापा मारा था। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर के प्रतिवेदन पर  दुकान के दो कर्मचारियों नितिन विश्वकर्मा व सुदामा बघेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 
ड्रग इंस्पेक्टरों में तनातनी 
पता चला है कि ड्रग इंस्पेक्टर लखन पटैल और मनीषा धुर्वे के बीच सीमा विवाद को लेकर कहा-सुनी हुई है। ड्रग इंस्पेक्टर श्री पटैल का कहना है कि मढ़ाताल मनीषा धुर्वे के कार्यक्षेत्र में आता है। वह एसडीएम आशीष पांडे के कहने पर मौके पर गए थे। एसडीएम का कहना है कि मनीषा धुर्वे की तबियत खराब होने के कारण उसे मौके पर भेजा गया था। पंचनामे में भी लखन के हस्ताक्षर हैं, जबकि रिपोर्ट मनीषा धुर्वे की ओर से कराई गई है। दोनों इंस्पेक्टर के कार्यक्षेत्र अलग-अलग हैं। किसी तरह का विवाद न हो इस कारण एसडीएम ने अपने हाथ में व्यवस्था ले ली है। 
इनका कहना है
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर जो प्रतिवेदन दिया गया था उस आधार पर न्यू मुनीश मेडिकोज के दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। 
-सतीश झारिया, जाँच अधिकारी

Created On :   15 April 2021 1:50 PM IST

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