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हार्ट, कैंसर और डायबिटीज जैसे गंभीर रोगों से लड़ेगा काला गेहूँ

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिले में अब काले गेहूं का उत्पादन भी शुरू हो गया है। पहली बार प्रयोग के तौर पर घाट परासिया के किसान गुलशन बघेल ने इसका उत्पादन किया है। इस रबी सीजन में किसान ने अपने कुल रकबे के आधा एकड़ में नाबी एमजी नामक किस्म का काला गेहूं लगाया था। करीब 10 किलो बीज की बोवनी की थी। गेहूं की सामान्य किस्मों की तरह ही इसकी फसल तैयार की। गहानी की तो आधा एकड़ में 10 क्विंटल 22 किलोग्राम काले गेहूं का उत्पादन हुआ है। खूबी यह कि काला गेहूं की आम गेहूं से कई गुना अधिक है। दावा यह है कि काला गेहूं तनाव, मोटापा, हार्ट, कैंसर, डायबिटीज और दिल की बीमारियों की रोकथाम में मददगार साबित हो रहा है।
जानिए... क्यों है दूसरे गेहूं से अधिक गुणकारी-
एनएबीआई (नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट) मोहाली ने 7 साल की रिसर्च के बाद काले गेहूं का पेटेंट कराया है। मोहाली में यहां डॉ मोनिका गर्ग के नेतृत्व में 2010 से की जा रही थी। आम गेहूं में जहां एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पास प्रति मिलियन होती है, वहीं ब्लैक व्हीट में 40 से 140 पास प्रति मिलियन पाई गई है। एंथोसाइनिन ब्लू बेरी जैसे फलों की तरह सेहत लाभ प्रदान करता है। यह शरीर से फ्री रेडिकल्स निकालकर हार्ट, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा और अन्य बीमारियों की रोकथाम करता है। इसमें जिंक की मात्रा भी अधिक है।
उत्पादन... तरीका वही जो दूसरे गेहूं में अपनाया जाता है-
घाट परासिया के किसान जगन्नाथ बघेल के मुताबिक काले गेहूं के बीज का बुवाई से पूर्व बीजों को उपचारित किया। सीड ड्रिल के माध्यम से बुवाई कर फसल के लिए संतुलित पोषक तत्व की पूर्ति के साथ साथ दो बार सायकल डोरा चला कर खरपतवार नियंत्रण किया गया। डोरा चलाने से मिट्टी में वायु संचार बढ़ता है, इस गेहूं में एक स्थान पर कम से कम 5 एवं अधिकतम 30 कल्ले तक निकले। सामान्य गेहूं भांति ही 5 से 6 बार सिंचाई की। आधा एकड़ में 10 किलो बीज से 1022 किग्रा उत्पादन प्राप्त हुआ।
इनका कहना है...
सामान्य गेहूं से काले गेहूं की न्यूट्रिशनल वेल्यू ज्यादा है। चूंकि अभी इसका बाजार विकसित नहीं हुआ है, ऐसे में टेस्टिंग के हिसाब से स्वयं के उपयोग के लिए किसान उत्पादन कर सकते हैं।
- जेआर हेड़ाऊ,
डिप्टी डायरेक्टर, एग्रीकल्चर
छिंदवाड़ा में पहली बार काले गेहूं का उत्पादन घाट परासिया के किसान ने किया है। दूसरे किसानों में भी उक्त गेहूं को लेकर उत्सुकता है। किसान बीज की डिमांड कर रहे हैं। न्यूट्रिशन वेल्यू अधिक होने के कारण यह कई बीमारियों में सहायक साबित हो सकता है।
- धीरज ठाकुर, एडीओ, एग्रीकल्चर
Created On :   18 April 2020 11:33 PM IST