Chhindwara News: कोयलांचल के पांच बच्चे जिला अस्पताल में इलाजरत, पीड़ितों की संख्या एक दर्जन के पार

कोयलांचल के पांच बच्चे जिला अस्पताल में इलाजरत, पीड़ितों की संख्या एक दर्जन के पार
किडनी रोग : पुणे लैब रिपोर्ट का स्वास्थ्य विभाग को इंतजार

Chhindwara News: किडनी रोग से पीिड़त होने वाले बच्चों की संख्या एक दर्जन तक पहुंच गई है। वहीं अब तक परासिया क्षेत्र के तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। नागपुर में इलाज करवाने पहुंचे किडनी पीड़ित बच्चों से लिया सैम्पल एक सप्ताह पहले पुणे लैब भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट का स्वास्थ्य विभाग इंतजार कर रहा है।

बुधवार को चांदामेटा, बड़कुही और तामिया, इससे पहले मंगलवार को परासिया ब्लाक की पंचायत दीघावानी और पाठा के एक-एक बीमार बच्चे सिविल अस्पताल परासिया से प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किए गए है। वहीं स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग की टीम अपने क्षेत्रों में सर्वे कार्य में जुटी रही हैं।

भोपाल टीम चूहे, मच्छर तलाश रही, दिल्ली टीम गोपनीय मिशन पर :

बच्चों में किडनी संबंधित रोग सामने आने के बाद तीन दिनों से भोपाल की महामारी विशेषज्ञ दो सदस्यीय टीम प्रभावितों के घरों और उनके आसपास क्षेत्र से चूहे और मच्छर पकड़कर जांच में जुटी है। वहीं दो दिनों से दिल्ली टीम भी गोपनीय मिशन पर सक्रिय है।

पंद्रह दिन बाद शिशु रोग विशेषज्ञ का अवकाश निरस्त:

परासिया अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण सोनी का अवकाश बुधवार को निरस्त कर दिया गया। वे एक माह के अवकाश पर थे। इस दौरान वे अपने क्लीनिक में मरीजों का इलाज कर रहे थे। बच्चों में किडनी रोग मामले सामने आने पर स्वास्थ विभाग ने सभी डॉक्टर और स्टाफ का अवकाश आगामी दो अक्टूबर तक निरस्त कर दिया है।

विधायक ने स्वास्थ मंत्रालय को लिखा पत्र, आंदोलन की दी चेतावनी:

विधायक सोहन वाल्मिक ने उप मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव- स्वास्थ मंत्रालय और कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया कि बच्चों में किडनी रोग हुआ, कुछ बच्चों की मौत हुई, किन्तु स्वास्थ विभाग ने कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए। बीमारी की रोकथाम की उचित कार्रवाई नहीं करता है तो मैं स्वास्थ विभाग और प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करुंगा।

इनका कहना है--

बच्चों की जांच जारी है। कल दो बच्चें और आज तीन बच्चों को पेशाब नहीं होने पर जिला अस्पताल भेजा गया है। वहीं डॉ. प्रवीण सोनी का अवकाश भी निरस्त किया गया है।

-- डॉ अंकित सहलाम, बीएमओ, परासिया

भ्रामक एवं अपुष्ट खबरों से सावधान रहें जिलेवासी - कलेक्टर

इस पूरे मामले में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि बच्चों के किडनी फेलियर के मामले एक ही स्थान विशेष पर केंद्रित नहीं हैं। परासिया क्षेत्र में केवल 3 ऐसे प्रकरण सामने आए थे, जिनमें 1 परासिया लोकल, 1 बाघबर्दिया गांव और 1 सेठिया गांव का मामला था। दिल्ली और भोपाल की टीमों ने आकर भी क्षेत्र का भ्रमण किया है और आवश्यक सैंपल लिए हैं। जिले की स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा भी प्रभावित बच्चों के सैंपल लेकर वायरोलॉजी लैब पुणे भेजे गए हैं। जहां से रिपोर्ट आने के बाद ही किसी तरह के वायरल इन्फेक्शन की पुष्टि हो सकेगी। किडनी फेलियर के कई कारण हो सकते हैं। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है कि परासिया क्षेत्र में किसी तरह के वायरल इन्फेक्शन या महामारी के फैलने की अपुष्ट और भ्रामक खबरों से सावधान रहें एवं घबराएं नहीं।

परासिया में सर्वे जारी, जिला अस्पताल में भर्ती बच्चे स्वस्थ- डॉ.नरेश गोन्नाडे

प्रभारी सीएमएचओ डॉ.नरेश गोन्नाडे का कहना है कि परासिया में बच्चों को बुखार, सर्दी, खांसी, पेट दर्द, बुखार से ठीक होने के बाद कुछ बच्चों में यूरिन रुकने की समस्या और किडनी इंफेक्शन के उपरांत इलाज के दौरान या अन्य कारणों से मृत्यु हुई है। इस संबंध में राज्य स्तरीय टीम के सदस्य न्यूटन चिखली भादे कॉलोनी, सेठिया, बाद्यबर्दिया समेत अन्य स्थानों पर भ्रमण कर एक्टिव केश सर्च हेतु सर्वेलेंश गतिविधियां कर रही है।

दो दिन से अधिक बुखार आने वाले बच्चों को एहतियात के तौर पर प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया जा रहा है, ताकि उन्हें बेहतर इलाज मिल सके। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अंशुल लाम्बा ने अभिभावकों को सलाह दी है कि बीमार बच्चों को बिना डॉक्टरी सलाह के अपनी मर्ची से दवाएं न दें।

Created On :   25 Sept 2025 2:41 PM IST

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