मुंबई की ‘ब्लैक लिस्टेड’  कंपनी बना रही उपराजधानी के सीमेंट रोड

Blacklisted company is making cement road
मुंबई की ‘ब्लैक लिस्टेड’  कंपनी बना रही उपराजधानी के सीमेंट रोड
मुंबई की ‘ब्लैक लिस्टेड’  कंपनी बना रही उपराजधानी के सीमेंट रोड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुंबई की ब्लैक लिस्टेड कंपनी को उपराजधानी के सीमेंट रोड का काम दिए जाने से कंपनी के विरोध में मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर जनहित याचिका में नागपुर शहर की सीमेंट सड़कों के निर्माणकार्य का जिम्मा उठा रही आरपीएस इंफ्रा पर अक्षमता का आरोप लगाया गया है। रणरागिनी जनकल्याण संस्था ने हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की है। संस्था द्वारा याचिका में कंपनी को सड़क निर्माण का ठेका दिए जाने का विरोध किया गया है। बता दें कि कंपनी द्वारा शहर के रामेश्वरी, रिंग रोड, शताब्दी चौक, त्रिशरण चौक में सड़कें बनाई जा रही हैं। इस मामले की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में याचिकाकर्ता को पहले 50 हजार रुपए कोर्ट में जमा कर अपनी प्रामाणिकता सिद्ध करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से एड.मनोज करिया और विलास डोंगरे ने पक्ष रखा। 
यह है मामला : याचिकाकर्ता के अनुसार, NMC ने शहर में सीमेंट की सड़कें बनाने के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया आयोजित की थी। विविध कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया। इसके बाद फेज 6 और 7 के तहत आने वाली सड़कों के निर्माण का जिम्मा आरपीएफ इंफ्रा को os दिया गया। याचिकाकर्ता का दावा है कि कंपनी को  यह ठेका बिना जांच पड़ताल के दे दिया गया। जबकि कंपनी को मुंबई में घटिया दर्जे की सड़कें बनाने के कारण वहां ‘ब्लैक लिस्टेड’ किया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी कंपनी को काम न देने का आदेश दे रखा है। नागपुर में कंपनी को काम दिए जाने के बाद याचिकाकर्ता ने मनपा को इस बारे में शिकायत भी की थी। कोई हल नहीं निकलने से उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

पहले की सड़कों में पड़ गए गड्‌ढे

उल्लेखनीय है कि संस्था ने आरोप लगाया है कि इसके पहले बनाए गए सड़कों पर कई जगह गड्ढे पड़ चुके हैं सड़क के बीच में जो गट्टू बैठाए गए हैं वह निकृष्ट दर्जे के हैं सड़क को विभाजित करने के लिए रखे गए पत्थर उखड़ रहे हैं। सड़क की स्थिति ऐसी है की दो महीने में ही इसकी दुरुस्ती की आवश्यकता आन पड़ी है। सड़क की स्थिति को देखकर अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि निर्माण कार्य में कितनी भरी अनियमितता बरती गयी है।

Created On :   30 Nov 2017 11:02 AM IST

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