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जिला अस्पताल में दोपहर के बाद नहीं लिए जाते ब्लड सेंपल, रात में इमरजेंसी जांच व्यवस्था ठप

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल की पैथालॉजी लैब की बदहाल स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। पैथालॉजी के हालात यह है कि दोपहर दो बजे के बाद ब्लड सेंपल नहीं लिए जाते। दोपहर में आने वाले मरीजों को दूसरे दिन का समय दे दिया जाता है। दोपहर बाद इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खास बात यह है कि रात के समय आने वाली गर्भवती महिलाएं, प्रसूताएं और दुर्घटना में घायलों की जरुरी जांच भी अस्पताल में नहीं होती।
बताया जा रहा है कि अस्पताल आने वाले मरीजों के ब्लड सेंपल दोपहर दो बजे के पहले ही लिए जा रहे है। दो बजे के बाद आने वाले मरीजों को लैब से लौटा दिया जाता है। दो बजे तक लिए गए सेंपलों की जांच रिपोर्ट शाम चार बजे तक दी जाती है। इसके बाद लैब का काम खत्म हो जाता है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की ब्लड जांच नहीं हो पाती।
रात में नहीं होती इमरजेंसी जांचें-
गायनिक वार्ड में भर्ती गर्भवती, प्रसूता, शिशुओं और इमरजेंसी में भर्ती मरीजों के इलाज के पूर्व चिकित्सक सीबीसी, ब्लड ग्रुप, सीजीपीटी, सेरम बीलीरूबीन, बीयूएन, सेरम क्रेटीनियम जांचें लिखते है। इनमें से कोई भी जांच रात में नहीं हो पाती। इस वजह से मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता।
ब्लड बैंक के टेक्निशियम कर रहे सिर्फ गु्रपिंग-
रात के वक्त ब्लड बैंक में इमरजेंसी सेवाएं देने वाले टेक्निशियन द्वारा सिर्फ एचबी, गु्रपिंग और ब्लड शुगर की जांच करते है। इसके अलावा मशीनों से होने वाली कई महत्वपूर्ण जांचों के लिए मरीज को दूसरे दिन का इंतजार करना पड़ता है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
रूटीन जांच सेंपल दोपहर तक लिए जाते है। इमरजेंसी में होने वाली सभी जांच लैब में की जा रही है। ब्लड बैंक के टेक्निशियन द्वारा रात में जरुरी जांचें कर दी जाती है, ताकि मरीजों को परेशान न होना पड़े।
- डॉ.श्रीमती पी गोगिया, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
Created On :   6 May 2020 7:03 PM IST