शहीद-स्वाधीनता के आंदोलन में हिस्सा लेने वालों के घरों के सामने लगाया जा रहा फलक

Board being put up in front of the houses of those who took part in the martyr-freedom movement
शहीद-स्वाधीनता के आंदोलन में हिस्सा लेने वालों के घरों के सामने लगाया जा रहा फलक
अपनों का योगदान शहीद-स्वाधीनता के आंदोलन में हिस्सा लेने वालों के घरों के सामने लगाया जा रहा फलक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश-विदेश में अपने हास्य-व्यंग्य कविताओं के लिए प्रख्यात, कवि-साहित्यकार व प्राध्यापक मधुप पांडेय के देवतले ले-आउट स्थित निवास के सामने नाम फलक लगाया गया है। शहर में शायद यह पहला मौका है, जब मनपा ने किसी जीवित व्यक्ति के नाम पर नाम फलक का अनावरण किया। मनपा तथा धरमपेठ जोन के सौजन्य से  आयोजित कार्यक्रम में नाम फलक का अनावरण महापौर दयाशंकर तिवारी ने किया। इस दौरान महापौर ने कहा कि मनपा ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर बहुत से ऐसे उपक्रम हाथ में लिए हैं, जिसमें नागपुर के लिए शहीद व स्वाधीनता के आंदोलन में भाग लेने वालों के घरों के सामने नाम फलक लगाया जा रहा है। इसका उद्देश्य उस परिवार का नागपुर की जनता की ओर से कृतज्ञता ज्ञापित करना है। उन्होंने कहा की यह दुःख की बात है की पड़ोसियों, नाती-पोतों को नहीं पता कि उनके परिवार के बुजुर्गों का देश, राज्य के प्रति क्या योगदान है। इसकी जानकारी जनता को मिले, इसलिए मनपा की ओर से प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह नागपुर के प्रख्यात नागरिकों के घरों के सामने भी नाम फलक लगाया जा रहा है। मधुप पांडेय ने नागपुर का नाम विश्व में रोशन किया है।

जनता ने पसंद किया : महापौर ने मधुप पांडेय का शाल-श्रीफल देकर सत्कार किया। इस दौरान सत्कारमूर्ति प्रा. मधुप पांडेय ने कहा कि विगत 50 वर्ष से वे साहित्य सृजन में लगे हुए हैं। अखबार में लिखे गए कॉलम से उनकी रचनाओं को जनता ने पसंद किया। हास्य-व्यंग्य के माध्यम से सभी पर कविताएं की, लेकिन किसी ने उसका बुरा नहीं माना। प्रास्ताविक में सभापति सुनील हिरणवार ने बताया कि शहर से सम्मानित नागरिकों के बारे में आम जनता को जानकारी होनी चाहिए। विदर्भ सेवा समिति की ओर से  आनंद निर्बाण व अशोक गोयल  ने मधुप पांडेय का शाल देकर स्वागत किया। संचालन कवि-साहित्यकार डॉ. सागर खादीवाला ने किया। आभार प्रदर्शन मनपा के जनसम्पर्क अधिकारी मनीष सोनी ने किया।

नाम-फलक अनावरण पर प्रा. मधुप पांडेय ने कहा कि प्रश्न मेरे अकेले का नहीं है, जो भी ऐसे कलाकार, साहित्यकार या सम्मानित व्यक्ति हैं, उन्हें पहचान मिलनी चाहिए। दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए प्रा. पांडेय ने बताया कि मेरे निवास का पता ढू्ंढ़ने में लोगों को काफी दिक्कत आती है। आने वाले लोग देवतले ले-आउट की गलियों में भटकते रहते हैं। दुनिया हमें जानती है, लेकिन आसपास के लोग नहीं। हमारे जैसे लोगों का जनता से ज्यादा संपर्क नहीं रहता है, इसलिए पता ढूंढ़ने में दिक्कत आती है। नेता जी कहां रहते हैं, यह सबको पता रहता है, लेकिन साहित्यकार, कवि या अन्य कलाकारों का पता कोई ठीक से नहीं बता पाता है। ये भी समाज के व्यक्ति हैं। उन्हें पहचान की जरूरत है। धरमपेठ जोन के सभापति सुनील हिरणवार महीना भर पहले नाम-फलक लगाने का प्रस्ताव लेकर आए थे। मुझे यह बात अच्छी लगी। मैंने इसे सहज स्वीकार कर लिया। यह उनका बड़प्पन है। इसका व्यक्तिवाद से संबंध नहीं है, न हमसे उन्हें कोई राजनीतिक लाभ मिलने वाला है। मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाना चाहिए, जो कलाकार, साहित्यकार या सम्मानित व्यक्ति हैं, जिन्हें क्षेत्र में पहचान की जरूरत है। ऐसे लोगों का सम्मान होना चाहिए।

इनका किया गया सत्कार : शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधायक प्रा. अनिल सोले, खादी ग्रामोद्योग के राष्ट्रीय संचालक जयप्रकाश गुप्ता, धरमपेठ जोन के सभापति सुनील हिरनवार, नागपुर सुधार प्रन्यास के विश्वस्त संजय बंगाले, नगरसेवक अमर बागड़े, नगरसेविका वर्षा ठाकरे, डॉ. परिणीता फुके, रुचिका मसराम, कवि डॉ. सागर खादीवाला उपस्थित थे। 

 

Created On :   6 Feb 2022 5:34 PM IST

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