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हाईकोर्ट : कोस्टल रोड प्रोजेक्ट को मिली सीआरजेड की मंजूरी रद्द, सुप्रीम कोर्ट जाएगी मुंबई मनपा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुंबई महानगरपालिका के 14 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावित कोस्टल रोड प्रोजेक्ट को मिली कोस्टल रेग्युलेशन जोन (सीआरजेड) की मंजूरी को रद्द कर दिया है। मनपा व राज्य सरकार को इस मामले में बडा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका प्रोजेक्ट के लिए जरुरी पर्यावरण मंजूरी लेने के बाद ही कार्य की शुरुआत करे। इनवारमेंट इंपैक्ट असेसमेंट अधिसूचना के तहत आवश्यक अनुमति लेने के बाद ही परियोजना की शुरुआत की जाए। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ ने कहा कि प्रोजेक्ट को लेकर वैज्ञानिक अध्ययन का अभाव नजर आ रहा है। प्रोजेक्ट की शुरुआत से पहले समुद्र की सतह, भूक्षरण, समुद्री जीव व वनस्पतियों के प्रबंधन की दिशा में भी अध्ययन नहीं किया गया है। प्रोजेक्ट के लिए जरुरी पर्यावरण मंजूरी नहीं ली गई है। इसलिए प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए दी गई सीअारजेड की अनुमति को निरस्त किया जाता है।
29 किलो मीटर लंबे कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के जरिए दक्षिण मुंबई के मरिन ड्राइव इलाके को बोरीवली से जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर मछुआरों के संगठन, सामाजिक कार्यकर्ताओं व गैर सरकारी संस्थानों सहित अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाओं में दावा किया गया है कि इस प्रोजेक्ट से समुद्री जीवों व पर्यावरण पर विपरीत असर पड़ेगा। इसके साथ ही मछुआरों की जीविका भी प्रभावित होगी। हालांकि मुंबई मनपा व राज्य सरकार ने दावा किया कि प्रोजेक्ट का कार्य नियमों के तहत किया जा रहा है, लेकिन खंडपीठ ने अपने फैसले में प्रोजेक्ट को दी गई मंजूरी को रद्द करते हुुए सरकार की दलीलों को अस्वीकार कर दिया और कहा कि इस मामले में वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत भी मंजूरी ली जानी चाहिए थी। फैसले के बाद मुंबई मनपा के वकील डी. खंबाटा ने खंडपीठ से अपने निर्णय पर रोक लगाने का आग्रह किया। ताकि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। लेकिन खंडपीठ ने मुंबई मनपा के इस आग्रह को अस्वीकार कर दिया।
Created On :   16 July 2019 1:29 PM GMT