- कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटे में कोरोना के 14,849 नए केस, 155 लोगों की मौत
- लद्दाख: मोल्डो में भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता शुरू
- लखनऊ: आज उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस, CM योगी ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
- दक्षिण अफ्रीका ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोविड-19 वैक्सीन को दी मंजूरी, भारत से करेगा आयात
- आज भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद को लेकर 9वें दौर की वार्ता होगी
प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवार को बांबे हाईकोर्ट ने दी राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने प्रतीक्षा सूची में नाम होने के बावजूद उम्मीदवार को नियुक्ति न देने के निर्णय को न्यायसंगत मानने से इंकार कर दिया है। यहीं नहीं तलाठी पद के लिए तैयार की गई प्रतीक्षा सूची में पहले क्रमांक पर रहनेवाले विजय गडवे को चार सप्ताह के भीतर तलाठी पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया है। गडवे ने दावा किया था कि तलाठी पद के लिए जिन उम्मीदवारों को चयनित किया गया था उसमे से एक उम्मीदवार सचिव जाधव ने चार महीने की नौकरी के बाद 4 मई 2017 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जाधव का इस्तीफा चार महीने बाद यानी 2 अक्टूबर 2017 को स्वीकार कर लिया गया। इस बीच गडवे ने सरकार के पास रिक्त पर नियुक्ति देने का आग्रह किया। लेकिन उसके निवेदन पर विचार नहीं किया गया। फिर गडवे ने महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण(मैट) में आवेदन दायर किया। मैट ने भी गडवे को राहत देने से इंकार कर दिया।मैट ने अपने आदेश में साफ किया कि चूंकी पद तत्काल रिक्त नहीं हुआ है। इसलिए प्रतीक्षा सूची में शामिल याचिकाकर्ता को नियुक्ति न देने का निर्णय सही है। लिहाजा उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने गडवे के आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान गडवे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने मैट के आदेश को खामीपूर्ण बताया। और अपने मुवक्किल को रिक्त पद पर नियुक्ति करने का निर्देश दिया। वहीं सरकारी वकील मौलीना ठाकुर ने मैट के आदेश को सही बताया और खंडपीठ से इस मामले में हस्तक्षेप न करने का आग्रह किया।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रतीक्षा सूची तैयार करने का मुख्य उद्देश्य है कि चयनित उम्मीदवार के नौकरी से इस्तीफा देने व ज्वाइन न करने की स्थिति में प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार के नाम पर विचार किया जा सके। और सरकार फिर से पद के लिए लिखित परीक्षा व साक्षात्कार लेने की प्रक्रिया से बच सके। याचिकाकर्ता के मामले में जब चयनित उम्मीदवार ने पद से इस्तीफा दिया तो उस समय प्रतीक्षा सूची वैध थी। इसके अलावा सरकार ने अब तक रिक्त पद पर दोबारा नियुक्ति की प्रक्रिया नहीं शुरु की है। पद के तुरंत रिक्त होने की अावधारण को व्यापक रुप से देखा जाना चाहिए। अन्यथा प्रतिक्षा सूची का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को चार सप्ताह के भीतर तलाठी पद पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।