बांबे HC कोर्ट ने दी RSS को राहत, जनार्दन मून की अर्जी खारिज

Bombay High Court has refused the petition filed by Janardan Moon
बांबे HC कोर्ट ने दी RSS को राहत, जनार्दन मून की अर्जी खारिज
बांबे HC कोर्ट ने दी RSS को राहत, जनार्दन मून की अर्जी खारिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में पूर्व नगरसेवक जनार्दन मून द्वारा अपने संस्थान को RSS नाम से पंजीकृत कराने के लिए दायर की गई रिट याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। बता दें कि पिछले वर्ष सहायक धर्मादाय आयुक्त ने मून की ऐसी ही एक अर्जी को ठुकरा दी थी। हाईकोर्ट ने भी सहायक धर्मादाय आयुक्त के निर्णय कायम रखा। हाईकोर्ट ने अपने निरीक्षण में पाया कि सोसायटी रजिस्ट्रेशंस एक्ट के सेक्शन 3 के तहत सहायक धर्मादाय आयुक्त के पास अधिकार है कि वे किसी नाम से असहमत होने पर आवेदक की अर्जी खारिज कर सकते हैं।

मामले में प्रतिवादी राजेंद्र गुंडलवार व अन्य तीन ने हाईकोर्ट को बताया कि चंद्रपुर में पहले ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नामक संस्था पंजीकृत है। दो संस्थाओं का एक ही नाम होने से समाज में संभ्रम निर्माण होगा। मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने मून की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट को याचिका में लगाए गए आरोपी निराधार लगे। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अश्विन इंगोले ने पक्ष रखा। 

यह था मामला
याचिकाकर्ता ने 26 जुलाई 2017 को धर्मादाय आयुक्त कार्यालय में आवेदन  कर अपनी संस्था का नाम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के रूप में पंजीकृत कराने की विनती की थी। मामले में अधिवक्ता राजेंद्र गुंडलवार व एम. अभ्यंकर ने विरोध किया था। उनका दावा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर चंद्रपुर में संस्था पहले से ही पंजीकृत है। अन्य दो नागरिकों की आपत्ति के साथ अधिवक्ता अभ्यंकर ने मून के आवेदन का विरोध किया था।

दावा था कि राष्ट्रीय नाम से धर्मादाय आयुक्तालय किसी संस्था को पंजीयन नहीं देता है। संस्था को भारत सरकार ने मंजूरी दी है। इस मामले में धर्मादाय आयुक्त कार्यालय सभी पक्ष को सुनकर जनार्दन मून की अर्जी को ठुकरा दी थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने भी सहायक धर्मादाय आयुक्त का निर्णय कायम रखा। हाईकोर्ट के इस फैसले से RSS को राहत मिल गई है।
 

Created On :   22 Jan 2019 8:46 AM GMT

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