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मुंबई बाढ़ में डॉ. अमरापुरकर की मौत पर हाईकोर्ट ने BMC से मांगा जवाब
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने डॉक्टर दीपक अमरापुरकर की मौत के मामले में मुंबई महानगरपालिका (BMC) से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा कि वे इस मामले में आपराधिक मामला दर्ज करने व 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग पर विचार नहीं करेंगे, क्योंकि इस विषय पर डाॅक्टर के परिवार से जुड़े लोग उचित कदम उठा सकते हैं। कोर्ट ने साफ किया कि सिर्फ खुले मेनहोल को कैसे ढका जाए, इसके लिए कमेटी बनाने के पहलू पर विचार करेंगे। गौरतलब है कि मुंबई में भारी बरसात से आई बाढ़ के दौरान डाॅ अमरापुरकर की खुले मेनहोल में गिरने से मौत हो गई थी।
इसको लेकर हाईकोर्ट में रिटेल ट्रेडर वेलफेयर एसोसिएशन ने जनहित याचिका दायर की है। चीफ जस्टिस मंजुला चिल्लूर व जस्टिस नितीन जामदार की बेंच के सामने याचिका सुनवाई के लिए आई। याचिका पर गौर करने के बााद बेंच ने कहा कि हमेें डाॅ. अमरापुरकर की मौत का दुख है, लेकिन हम भावुक होकर जनहित याचिका में किसी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश नहीं दे सकते। क्योंकि डाॅक्टर के परिवार से जुड़े लोग शिक्षित हैं, वे इस मामले में उचित कदम उठा सकते हैं।
जहां तक याचिकाकर्ता की बात है तो वह इस संबंध में जज के सामने निजी शिकायत कर सकता है। हम सिर्फ BMC की खुली गटर को लेकर जुड़ी नीति और उसे कैसे ढका जाए? इस पहलू पर विचार करेंगे। याचिका में दावा किया गया है कि मुंबई में करीब 30 हजार मेनहोल है।
याचिका में मांग की गई है कि इस मामले में BMC आयुक्त के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया जाए। इसके साथ ही BMC को मुंबई के कल्याण के लिए काम करने वाली किसी भी गैर-सरकारी संस्था को 50 लाख रुपए मुआवजे के रूप में देने का निर्देश दिया जाए।
Created On :   2 Sept 2017 1:47 PM GMT