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वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर कोर्ट भी सख्त, मिटिगेशन मेजर्स की खामियां दूर करने के दिए आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने हाल ही में हुई सुनवाई में राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को मनसर-खवासा महामार्ग पर वन्य प्राणियों के लिए जरूरी मिटिगेशन मेजर्स की खामियों को दूर करके रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि, बीती सुनवाई में मनसर-खवासा महामार्ग पर कितना विकास कार्य हुआ है, इसमें कितने मिटिगेशन मेजर्स का पालन हुआ है और अभी कितना कार्य और बाकी है, इसकी जानकारी हाईकोर्ट ने मांगी थी। एनएचएआई प्रस्तुत जानकारी पर आपत्ति उठाते हुए मामले में हुई सुनवाई में मध्यस्थी याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि, अभी भी इस महामार्ग पर कई खामियां हैं, जिसके कारण वन्य प्राणियों को सुरक्षित सड़क पार करने में परेशानी होती है, जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है।
यह है मामला
दरअसल इस महामार्ग के विकास और वन्य पशुओं की सुरक्षा के प्रबंधों के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने सू-मोटो जनहित याचिका दायर कर रखी है। वन विभाग और एनएचएआई के बीच खींचतान के चलते बीते कुछ वर्षों से मनसर-खवासा महामार्ग के चौड़ीकरण का काम लंबित था। जब सहमति बनी, तो इसके लिए पेड़ों की कटाई पर स्वयंसेवी संस्थाओं ने आपत्ति जताई। हाईवे की वजह से वन्य प्राणियों को इस पर से गुजर कर दूसरी ओर जाना पड़ता, जिससे कई बार उनकी मृत्यु हो जाती है।
इस पर कोर्ट ने राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पशुओं के गुजरने के लिए जगह-जगह अंडरपास निर्माण करने को कहा था। संस्थाओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। एनएचएआई ने हाईकोर्ट में जानकारी दी थी कि, महामार्ग पर बनाए जा रहे चौथे अंडरपास के लिए मिटिगेशन मेजर्स लागू किए जा रहे हैं। साथ ही वन्य प्राणियों की सुरक्षा और सुविधाओं का भी ध्यान रखा जा रहा है। अब उन्हें कोर्ट में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। मामले में मध्यस्थी अर्जदार की ओर से एड.एस.एम. पुराणिक, एनएचएआई की ओर से एड. अजय घारे और एड.अनिश कठाने ने पक्ष रखा। एड. निखिल पाध्ये न्यायालय मित्र की भूमिका में है।
Created On :   12 April 2019 8:29 AM GMT