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नरभक्षी बाघिन को गोली मारने के आदेश पर हाईकोर्ट का स्टे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल सहित आसपास के जंगलों में आतंक मचाने वाली नरभक्षी बाघिन को गोली मारने के आदेश पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने फिलहाल स्टे लगा दिया है। बीते मंगलवार देर रात वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.के.मिश्रा ने बाघिन को गोली मारने का आदेश जारी किया था। वन विभाग के अनुसार, बाघिन को गोली मार कर समाप्त करना जरूरी हो गया है। बीते 18 महिनों में इस बाघिन ने 10 गांव वालों की हत्या की है, जबकि 50 से ज्यादा मवेशियों को शिकार बनाया है। मंगलवार रात को वन विभाग का आदेश जारी होते ही वन्य प्रेमी सामने आ गए। एक वन्य प्रेमी सरिता सुब्रमण्यम ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में वन विभाग के आदेश को चुनौती दी। याचिकाकर्ता के अनुसार, बाघिन को गोली मारने के पहले पकड़ कर उसके पुनर्वसन की कोशिश करनी चाहिए। मंंगलवार को याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने वन विभाग के निर्णय पर स्थगन लगा दिया। याचिकाकर्ता की ओर से एड.आर.एल.खापरे और एड.दिग्विजय खापरे ने पक्ष रखा।
200 लोगों की टीम को चकमा देकर कर रही शिकार
वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, यवतमाल जिले के रालेगांव और केलापुर तहसील में बीते डेढ़ वर्ष से बाघिन ने उत्पात मचा रखा है। नरभक्षी बाघिन ने 10 लोगों का शिकार कर कई को घायल भी किया है। फिलहाल बाघिन सखी, सावरखेडा, उमरी क्षेत्र में विचरण कर रही है। बाघिन को बेहोश करने के लिए वन विभाग की 200 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम पिछले तीन माह से कोशिश कर रही है। 200 कर्मचारियों की टीम को चकमा देकर पांच दिन पूर्व भी आतंकी बाघिन ने एक चरवाहे को अपना शिकार बनाया। उसे पकड़ने के लिए ट्रैप कैमरे भी विफल साबित हो रहे हैं। राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों, वन्यजीव विशेषज्ञों और पीसीसीएफ की इस संबंध में बैठक हुई और बाघिन को गोली मारने के निर्णय पर मुहर लगाई गई। लेकिन कोर्ट ने इस पर फिलहाल स्थगन दे दिया है।

Created On :   31 Jan 2018 11:03 AM IST