लावणी में बॉयज की अदा भी है कातिलाना, गजब का परफार्मेंस कर रहा दंग

boys performance on lavani dance of maharashtra folk in nagpur
लावणी में बॉयज की अदा भी है कातिलाना, गजब का परफार्मेंस कर रहा दंग
लावणी में बॉयज की अदा भी है कातिलाना, गजब का परफार्मेंस कर रहा दंग

दीप्ति मुले , नागपुर। लावणी के लटके-झटके पर अक्सर गर्ल्स वाहवाही लुटती हैं, लेकिन उपराजधानी में कई ऐसे बायज हैं जिनकी लावणी की अदा गर्ल्स से भी अधिक कातिलाना है। इनका जबर्दस्त परफार्मेंस देख लोग दंग रह जाते।  ग्रामीण लोक-परंपरा में ‘लावणी’ का एक विशिष्ट स्थान हमेशा से रहा है। ‘लावणी" का रंग 15वीं शताब्दी केे पेशवा काल से ही देखने को मिलता है। यह लोकनृत्य और इसमें प्रयुक्त किए जाने वाले गीत-संगीत, हावभाव का फिल्मों में हमेशा से प्रमुख स्थान रहा है। लावणी नृत्य सिर्फ महिला ही नहीं, पुरुष भी उतने ही जोश और जुनून के साथ कर रहे हैं।

लावणी बॉयज ने न केवल शहर में, बल्कि शहर के बाहर भी अपनी परफॉर्मेंस से मंत्रमुग्ध किया है। रंग-बिरंगी साड़ियों, गहनों के साथ सजे बॉयज इस तरह लावणी नृत्य पेश करते हैं कि उन्हें पहचान पाना मुश्किल होता है कि महिला नृत्य कर रही है या पुरुष। लावणी बॉयज का कहना है कि हम किसी से कम नहीं हैं। हालांकि लावणी नृत्य करना आसान नहीं था, पर जिंदगी में कुछ अलग करने की चाह ने इसे आसान बना दिया। हजार से भी ज्यादा नृत्य की प्रस्तुति देकर धूम मचा रहे हैं।

एक्सप्रेशन महत्वपूर्ण
लावणी में मेकअप और फेस के एक्सप्रेशन बहुत ही महत्व रखते हैं, इसलिए शो के पहले क्लीन शेव करना जरूरी हाेता है। इससे मेकअप इतना बेहतरीन होता है कि कई लोग पहचान नहीं पाते हैं कि हम लड़के लावणी पेश करने वाले हैं। शो के बाद कई बार हमें कमेंट मिले हैं कि गर्ल्स भी इतनी अच्छी लावणी नहीं कर पाती हैं, जितनी कि आप लोग करते हैं। जब मैं 15 वर्ष का था, तबसे लावणी नृत्य कर रहा हूं। पहले मेरा रुझान क्लासिकल, फोक की तरफ ज्यादा था, पर फिर मैंने लावणी नृत्य करने के बारे में सोचा। आज मैं लावणी की क्लासेस भी ले रहा हंू। मैंने बॉलीवुड स्टाइल लावणी भी की है। लावणी में हमेशा नए एक्सपेरिमेंट करता हंू। हिन्दी और मराठी गानों की मिक्स लावणी भी की है।
सोनू नक्षने, लावणी नर्तक

अलग पहचान बनानी थी
जब मैंने पहली बार 20 वर्ष की उम्र में 2011 में लावणी की, तो एक पल के लिए अपना मेकअप देखकर मैं भी हैरान रह गया था। हमेशा से ही कुछ अलग करने की चाह ने राह आसान कर दी। डांस ताे बहुत से बॉयज करते हैं, पर मैं ऐसा कुछ करना चाहता था कि मेरी अलग पहचान बने, इसलिए मैंने लावणी नृत्य को चुना। इसमें ठुमके लगाने में थोड़ी परेशानी हुई। गर्ल्स की फिजिक और बॉयज की फिजिक में अंतर होता है। गर्ल्स की बॉडी लचीली होती है, इसलिए वे अासानी से ठुमके लगा लेती हैं। मैंने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए इतने अच्छे फेस एक्सप्रेशन दिए कि पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
जय पाटील, लावणी, नर्तक

Created On :   2 Jun 2018 11:34 AM GMT

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