गैर-जरूरी बताकर 81 करोड़ के काम रोके

Brake on development - Stopped works worth 81 crores by saying it was unnecessary
गैर-जरूरी बताकर 81 करोड़ के काम रोके
विकास पर ब्रेक गैर-जरूरी बताकर 81 करोड़ के काम रोके

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा के पूर्व आयुक्त तुकाराम मुंढे के समय स्थायी समिति ने करीब 150 करोड़ रुपए के कामों को मंजूरी दी थी। प्रशासन ने इन कामों के लिए  कार्यादेश (वर्क ऑर्डर) भी जारी किए थे। तब तुकाराम मुंढे ने आर्थिक संकटों का हवाला देकर इन कामों को रोक दिया था। आर्थिक स्थिति को देखते हुए नेता और ठेकेदारों ने दिल पर पत्थर रखकर इस निर्णय को स्वीकार किया था। उम्मीद थी कि आज नहीं तो कल यह काम शुरू हो जाएंगे। पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी ने करीब 69 करोड़ रुपए के काम शुरू किए, लेकिन दो साल बाद भी  81 करोड़ के काम अटके हुए हैं। यह शुरू ही नहीं हो पाए हैं। ऐसे में नेताओं पर अब ‘निष्क्रिय’ जैसे आरोप लग रहे हैं, तो ठेकेदार काम के इंतजार में कंगाल हो गए हैं। इसका सीधा असर शहर के विकास पर हो रहा है। शहर की अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं व सड़क निर्माण सहित विकास योजनाएं अटक गई हैं। प्रशासन के पास इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रशासन ने इन्हें गैर-जरूरी सूची में डालकर एक तरह से इसे खारिज कर दिया है। इस कारण अब कुछ ठेकेदार अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। 

कोरोना का पड़ा असर

वर्ष 2020 की शुरूआत में मनपा में तुकाराम मुंढे की आयुक्त के रूप में नियुक्ति हुई थी। मुंढे के आते ही मनपा ने अनुशासन के नाम पर सख्ती बरतनी शुरू की। असर विकास कार्यों पर भी पड़ा। 150 करोड़ रुपए के विकास कार्य के लिए जारी कार्यादेश तक रोक दिए गए। इसके लिए आर्थिक संकट का हवाला दिया गया। इसके कुछ दिन बाद कोरोना संकट के कारण देश भर में  लॉकडाउन लग गया। 2020 इसी तरह निकल गया। 

फिर तिवारी ने कोशिश की : 2021 में दयाशंकर तिवारी ने महापौर की कमान संभाली। उन्होंने यह काम शुरू करने के प्रयास किए। तीन अभियंताओं की टीम ने इन कामों की प्राथमिकता, गैर-प्राथमिकता तय की। इस अनुसार 69 करोड़ के काम तत्काल शुरू हुए। नेताओं सहित जिन ठेकेदारों को काम मिले थे, उन्हें उम्मीद थी कि आज नहीं तो कल, यह काम धीरे-धीरे शुरू हो जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। जिन ठेकेदारों को इन कामों का कार्यादेेश मिला था, वे अब मनपा कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, किन्तु उन्हें कोई प्रतिसाद नहीं मिला। प्रशासन यह कहकर लौटा रहा है कि सभी काम शुरू कर दिए गए हैं। लॉकडाउन में ठेकेदारों ने अपनी पूरी जमा पंूजी खर्च कर दी। जो काम मिलने की उम्मीद थी, उस पर भी अब पानी फिर गया है। 

अब नेता-ठेकेदार दोनों परेशान

ऐसे में ठेकेदार गंभीर आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं। वे नेता भी परेशान हैं, जिनके क्षेत्रों में यह काम होेने थे। काम नहीं होने से आगामी मनपा चुनाव में जनता के सामने जाना मुश्किल हो रहा है। इन कामों को स्थायी समिति के तत्कालीन सभापति प्रदीप पोहाणे  ने मंजूरी दी थी, उन्हीं के प्रभाग में अनेक काम अटके हैं। मिनीमाता नगर में ई-लाइब्रेरी, डिप्टी सिग्नल में समाज भवन, सुभान नगर में सीमेंट रोड, नेताजी नगर में उद्यान का काम बंद पड़ा है। यह करीब 2.25 करोड़ रुपए के काम हैं। शहर भर में ऐसे 81 करोड़ रुपए के काम गैर-जरूरी बताकर बंद कर दिए गए हैं। इसे लेकर अब नेताओं में नाराजगी है। यह काम शुरू हो पाएंगे भी या नहीं? इस पर सस्पेंस बना हुआ है।

जो काम नहीं हुए, वे अन्य माध्यम से किए गए 

7 जनवरी को महापौर पद संभाला था। 11 जनवरी को 69 करोड़ के काम शुरू किए थे। 3 अभियंताओं ने इन कामों की प्राथमिकता सूची तैयार की थी। जो काम गैर-जरूरी सूची में डाले गए थे, उन्हें अन्य माध्यमों से शुरू किया गया था। 131 करोड़ के काम किए थे, उसमें कुछ काम शामिल थे। 

-दयाशंकर तिवारी, पूर्व महापौर

Created On :   9 May 2022 6:44 PM IST

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