कृषि संजीवनी पर ब्रेक, जांच के बाद नए सिरे से शुरू होगी योजना

Brakes on agriculture sanjivani, new scheme after scrutiny
कृषि संजीवनी पर ब्रेक, जांच के बाद नए सिरे से शुरू होगी योजना
कृषि संजीवनी पर ब्रेक, जांच के बाद नए सिरे से शुरू होगी योजना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि संजीवनी योजना को फिलहाल ब्रेक दिया गया है। जांच के बाद इसे नए सिरे से शुरू किए जाने का आश्वासन  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इरिगेशन फेडरेशन व महाराष्ट्र विद्युत उपभोक्ता संगठन के मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल को दिया है। राज्य के सभी 41 लाख किसानों के कृषि पंप कनेक्शन के बिलों की पहले जांच होगी, उसके बाद ही कृषि संजीवनी योजना लागू किए जाने की जानकारी भी दी गई।  उपसा सिंचन के विद्युत बिल अभी भी 1 रुपए 16 पैसे की दर से भरे जाएंगे। इन के बिलों में भी 15 अगस्त तक सुधार किया जाएगा।

15 अगस्त तक सुधार की उम्मीद
असल में 2015 के बाद हुई विद्युत दर वृद्धि के चलते वर्तमान में उपसा सिंचन में विद्युत दर 1 रुए 98 पैसे पहुंच गई है। 2 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री के आश्वासन पर किसान 1 रुए 16 पैसे की दर से बिल भर रहे हैं, लेकिन शेष राशि का प्रावधान न किए जाने से किसानों पर शेष रकम बकाया में दिखाई जा रही है। मंत्री द्वय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि 15 अगस्त तक सभी कृषिपंप कनेक्शन के बिलों को दुरुस्त कर लिया जाएगा। इसके बाद फिर से नए कलेवर में कृषि संजीवनी योजना लागू होगी। मोर्चा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वरिष्ठ नेता एन.डी. पाटील ने किया। शिष्ट मंडल में एन.डी. पाटील, प्रताप होगाडे, बाबासाहेब भुयेकर, आर.जी. तांबे, विक्रांत पाटील वअरुण लाड शामिल थे। बैठक में गणपतराव देशमुख, सतेज पाटील, चंद्रदीप नरके, प्रकाश आबीटकर, अमल महाडीक, उल्हास पाटील, सुजीत मिणचेकर, सुरेश हालवणकर, विधायक दिवाकर रावते, विधायक चंद्रकांतदादा पाटील, ऊर्जा सचिव अरविंद सिंह, महावितरण के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार तथा निदेशक अभिजीत देशपांडे शामिल थे। प्रदेश के विभिन्न स्थानों से करीब 10 हजार से अधिक किसान मोर्चे में शामिल हुए।

बिलों में गड़बड़ी
मुख्यमंत्री तथा ऊर्जामंत्री ने माना कि कृषिपंप कनेक्शन के बिलों में भारी गड़बड़ी है। हाल ही में सांगली व कोल्हापुर से मिले आंकड़ों से साफ हुआ है कि बताई गई बिल की राशि में से करीब 50 प्रतिशत ही सही है। शेष राशि बोगस है। इन आंकड़ों को देखते हुए महाराष्ट्र विद्युत उपभोक्ता संगठन के कार्याध्यक्ष प्रताप होगाडे ने दावा किया है कि महावितरण द्वारा बताया गया 21 हजार करोड़ का बकाया गलत है, जबकि इस आधार पर ही महावितरण ने सरकार से अनुदान की राशि उठा ली है।

बिलों में सुधार भी शंका से घिरा
बगैर मीटर वाले बिल तो फर भी सुधर जाएंगे। क्योंकि इन किसानों को पंप के हार्सपावर के हिसाब से बिल दिया जाता है। जितनी अश्वशक्ति का पंप उस हिसाब से बिल। बिल सुधारने में सबसे बड़ी अड़चन यह आने वाली है कि मीटर बाले कनेक्शनों में मीटर की रीडिंग ही सही नहीं ली गई है। ऐसे में इसके बिल सुधरेंगे कैसे? 

कितना होगा कम बिल
पश्चिम महाराष्ट्र खासकर सांगली व कोल्हापुर में विद्युत हानि कम है। किसान बिल भर रहे हैं। इसके बावजूद बिलों में औसत 50 प्रतिशत की गड़बड़ी है। यहां प्रतिवर्ष औसत घंटे भी 850 हैं। जिन स्थानों पर विद्युत हानि अधिक है वहां बिलों में कितनी गलती होगी यह तो समझ के बाहर है। प्रयास के एक सर्वे के अनुसार, पश्चिम महाराष्ट्र में जहां गन्ने की खेती अधिक है, औसत प्रतिवर्ष 850 घंटे विद्युत प्रयोग के हैं। जबकि विदर्भ में 2200 घंटे और मराठवाड़ा में 2000 घंटे माने जा रहे हैं।  आईआईटी मुंबई द्वारा किए गए सर्वेक्षण में महाराष्ट्र में प्रतिवर्ष औसत 1060 घंटे विद्युत प्रयोग है। ऐसे में जब इन क्षेत्रों के बिल सुधरेंगे और आंकड़े सामने आएंगे, तो महावितरण का बकाया कितना बचेगा, यह बताना मुश्किल है। 

खपत घटेगी तो हानि बढ़ेगी
बिल सुधरने के बाद जाहिर है कृषि पंप की विद्युत खपत भी घटेगी। महावितरण के अनुसार कृषि के लिए औसत 30000 एमयू बिजली प्रति वर्ष लगती है। अभी सामने आए आंकड़े के हिसाब यह खपत आधी मतलब 15000 एमयू हो जाएगी। इससे विद्युत हानि बढ़कर करीब 29 प्रतिशत हो जाएगी। महावितरण के अनुसार वर्तमान स्तर करीब 14 प्रतिशत है। उल्लेखनीय है कि आईआईटी मुंबई द्वारा सरकार को दी गई रिपोर्ट में भी विद्युत हानि 27 प्रतिशत होना बताई गई है।

उदय योजना में मिला था मौका, गंवाया
केंद्र सरकार ने विद्युत वितरण कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए उदय योजना लागू की थी। महावितरण इस योजना में शामिल तो हुई है। लेकिन इसका फायदा उठाने से चूक गई। महावितरण ने उसकी प्रतचलित विद्युत हानि के साथ ही योजना में हिस्सा लिया। योजना में सहभागी होते समय यदि वास्तविक विद्युत हानि (27 से 30 प्रतिशत) तो लाभ उसके अनुसार मिलता। 


 

Created On :   2 April 2018 3:45 PM IST

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