रिश्वतखोर तहसीलदार को चार साल का सश्रम कारावास

Bribery tahsildar to four years rigorous imprisonment
रिश्वतखोर तहसीलदार को चार साल का सश्रम कारावास
रिश्वतखोर तहसीलदार को चार साल का सश्रम कारावास


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जमीन विभाजन के एवज में तहसीलदार द्वारा रिश्वत मांगी गई थी। लोकायुक्त की टीम ने तहसील कार्यालय में रिश्वत लेते तहसीलदार को रंगेहाथों गिरफ्तार किया था। लोकायुक्त टीम ने तहसीलदार के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस प्रकरण की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश ने  तहसीलदार को दोषी करार देते हुए चार साल का सश्रम कारावास व अर्थदंड से दंडित किया।
जिला अभियोजन अधिकारी/ विशेष लोक अभियोजक समीर कुमार पाठक ने बताया कि 24 फरवरी 2015 को पांढुर्ना के ग्राम बंधान निवासी 40 वर्षीय आकोश पिता भंगी धुर्वे ने लोकायुक्त एसपी से तहसीलदार गुरुनानक धुर्वे की शिकायत करते हुए बताया था कि गांव में उसकी 4.5 एकड़ जमीन है। उसने पत्नी गीता और बेटे सागर के नाम पर जमीन का पारिवारिक विभाजन करने पांढुर्ना तहसीलदार गुरुनानक धुर्वे को आवेदन दिया था। जमीन विभाजन के लिए तहसीलदार ने दस हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने तहसीलदार कार्यालय में रिश्वत की राशि में से पांच हजार रुपए लेते तहसीलदार गुरुनानक धुर्वे को पकड़ा था। लोकायुक्त की टीम ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश ने तहसीलदार को दोषी करार देते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 में तीन साल के सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए का अर्थदंड और धारा 13 (1)(डी), सहपठित धारा 13 (2) में चार साल के सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। 

Created On :   25 Jan 2020 11:32 PM IST

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