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81 पेंशनरों को दो वर्ष बाद भेजी गई चार्जशीट, 500 कर्मचारियों ने लिया था वीआरएस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अजबी कारनामा किया है। सेवाकाल में रहते 81 कर्मचारियों पर तो कार्रवाई नहीं की, अब वे जब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, तो उन्हें चार्जशीट थमाई गई है। सेवानिवृत्ति के बाद चार्जशीट देने का यह विभाग का संभवत: पहला मामला है। दरअसल सेवा काल में रहते हुए किसी मामले में दोषी या लापरवाही करने पर चार्जशीट दी जाती है। बीएसएनएल ने 2019 में वीआरएस योजना लाई थी। 50 साल की आयु पूरी कर चुके कर्मचारी वीआरएस ले सकते थे। 31 दिसंबर 2019 को बीएसएनएल नागपुर के करीब 500 कर्मचारियों ने वीआरएस लिया था। इनमें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के भी 81 कर्मचारी शामिल थे। सेवानिवृत्ति के बाद विभाग इनसे जाति वैधता प्रमाणपत्र मांग रहा है। जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश नहीं करने से पिछले दो साल से इन्हें प्रोविजनल पेंशन दी जा रही है। सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले अन्य हित लाभ जैसे ग्रेच्यूटी, लिव इन कैैशमेंट व अन्य लाभ भी रोके गए हैं। बीएसएनएल सर्कल ऑफिस मुंबई ने चार्जशीट दी है।
सेवा में दिया गया है संरक्षण
केंद्र सरकार ने 1995 के पहले सेवा में लगे कर्मचारियों को जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश नहीं करने पर भी सेवा में संरक्षण दिया था। 1995 के पहले संचार विभाग सीधे दूरसंचार मंत्रालय के अधीन था। पहले यह सरकारी कर्मी थे आैर बीएसएनएल बनने के बाद सार्वजनिक कंपनी बनी। सभी पेंशनर 1995 के पहले सेवा में लगे थे।
Created On :   16 Jan 2022 6:47 PM IST