BJP ने लोकतंत्र को किया कमजोर : मायावती

BSP supremo Mayawati aims to BJP Government
BJP ने लोकतंत्र को किया कमजोर : मायावती
BJP ने लोकतंत्र को किया कमजोर : मायावती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने BJP सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि BJP  के सत्ता में आने के बाद देश में अस्थिरता का वातावरण निर्माण हुआ है। ईवीएम मशीन में गड़बड़ी, सीबीआई का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को कमजोर किया गया है। सरकार की तानाशाही से जनता परेशान है। BJP सरकार ने कांग्रेस के कार्यकाल में लगे आपातकाल को भी पीछे छोड़ दिया है।
वादों को पूरा नहीं की सरकार : कस्तूरचंद पार्क मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने  कहा कि BJP ने वर्ष 2014 के चुनाव प्रचार में हवा-हवाई वादे कर देश की जनता के साथ धोखा किया है। सत्ता में आने के बाद सबसे पहले विदेशी बैंकों में जमा भारत का काला धन वापस लाकर हर नागरिक के खाते में 15 से 20 लाख रुपए जमा करने, बेरोजगारों को रोजगार, बेघरों को घर देने अादि ढेर सारे वादे किए । इनमें से एक चौथाई वादों को भी सरकार पूरा नहीं कर सकी। जीएसटी और नोटबंदी के निर्णय से जनता दु:खी है। इस निर्णय से गरीबी, बेरोजगारी बढ़ी और आर्थिक व्यवस्था कमजोर हुई है। सरकार की मनमानी पर अब उनकी पार्टी में भी अंदरूनी  विरोध होने लगा है। 
बैलेट पेपर का विरोध क्यों? : मायावती ने ईवीएम मशीन में गड़बड़ी कर चुनाव के परिणाम अपने पक्ष में लाने के िलए BJP पर सत्ता का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि BJP ईमानदार है, तो सभी चुनाव बैलेट पेपर से क्यों नहीं कराती। बहुजन समाज पार्टी पहले से ही ईवीएम मशीन से चुनाव का विरोध कर रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव में ईवीएम मशीन में गड़बड़ी कर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी को कमजोर किया गया है। इसके िवरोध में सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ा।
आरक्षण केवल दिखावा : मायावती ने कहा कि  पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने का केवल दिखावा किया जा रहा है। कांग्रेस के सत्ताकाल में मंडल आयोग की रिपोर्ट आई थी। परंतु इसे लागू नहीं किया गया। बीजेपी ने भी विरोध किया था। वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर के बाद केंद्र में वी. पी. सिंह की सरकार ने सत्ता सूत्र को संभाला और इसे लागू किया गया। बहुजन समाज पार्टी ने डॉ. आंबेडकर को भारतरत्न सम्मान देने और मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू करने की शर्त पर उनका समर्थन किया। आज सरकारी क्षेत्रों का निजीकरण कर आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है।  ऊपर से आरक्षण का दिखावा कर जनता को गुमराह किया जा रहा है।

इतिहास को दबाया: भीमा-कोरेगांव के इतिहास से दलितों को प्रेरणा मिलती है। यह इतिहास दलितों की वीरता का प्रतीक है। संकीर्ण मानसिकता की सरकार इसे लोगों तक पहुंचने नहीं देना चाहती, इसलिए प्रदेश सरकार ने इस इतिहास को दबा दिया है।

सोने के 3 मुकुट, चांदी का हाथी और तलवार भेंट : मायावती को कार्यकर्ताओं ने 3 सोने के मुकुट, चांदी से बनी हाथी की प्रतिमा और तलवार भेंट की। मंच पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार, प्रदेश अध्यक्ष िवलास गरूड, वीर सिंह, सुरेश साखरे, नागोराव जयकर, वी. के. सिंह, संदीप ताजने, कृष्णा बेले उपस्थित थे।

मजबूरी में स्वीकारना पड़ेगा बौद्ध धर्म :मायावती ने कहा कि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने हिंदू धर्म का विरोध नहीं किया था। धर्म में जो कुरीतियां थीं, उनका विरोध था। इसलिए उन्होंने हिंदू धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया। हिंदू मठाधीशों की मनमानी ऐसे ही चलती रही तो मुझे भी मजबूरी में बौद्ध धर्म स्वीकार करना पड़ेगा।

Created On :   11 Dec 2017 10:30 AM IST

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