राज्य सरकार के बजट पर अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने दी प्रतिक्रिया

Budget - People from different regions reacted to the budget of the state government
राज्य सरकार के बजट पर अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने दी प्रतिक्रिया
बजट राज्य सरकार के बजट पर अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने दी प्रतिक्रिया

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानमंडल में इस सरकार का पहला बजट पेश किया। बजट में  विदर्भ के लिए काफी घोषणाएं की गई हैं। इन घोषणाओं से व्यापार और उद्योग जगत में काफी हर्ष व्याप्त है। बजट को लेकर विभिन्न क्षेत्रों से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिली हैं। किसी ने बजट को बेहतरीन व सबको न्याय देने वाला कहा है, तो किसी ने इसे केवल आंकड़ों का खेल कहा है। दावा किया जा रहा है कि इस बजट में नया कुछ नहीं है। पहले ही जो घोषणाएं की जा चुकी हैं, उन्हें दोहराया गया है। 

न्याय देने वाला बजट

छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्य कामकाज से प्रेरणा लेते हुए सभी जाति, धर्म और वर्ग को न्याय देने वाला राज्य का शानदार बजट उप मुख्यमंत्री ने पेश किया। 21वीं सदी में महाराष्ट्र किस दिशा में जाने वाला है यह स्पष्ट करने वाला और राज्य को नई ऊंचाई देने वाला यह बजट है। 

- चंद्रशेखर बावनकुले, भाजपा, प्रदेशाध्यक्ष
कर्ज का बोझ

राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ने वाला है। विकास दर 6.8 प्रतिशत तक गिरेगी। धान उत्पादकों को प्रति क्विंटल 350 रुपए का नुकसान होने वाला है। बिजली राहत के मामले में वित्तमंत्री फडणवीस अपनी ही मंशा को पूरी नहीं कर पाए हैं। पेंशन के विषय पर मौन कायम रहा।

राजेंद्र मुलक, पूर्व वित्त राज्यमंत्री 
समाज विकास के लिए आधार

धनगर समाज के लिए 1 हजार करोड़ की विकास निधि की घोषणा सराहनीय है। समाज विकास के लिए आधार मिलेगा। बकरी-भेड़ पालन के लिए भी राहत अनुदान का प्रावधान किया जा रहा है। किसान, महिला, युवा, नौकरी पेशा, व्यवसायिकों के लिए भी राहत की घोषणा की गई है।

डॉ. विकास महात्मे, पूर्व राज्यसभा सदस्य
नागपुर विकास को बल

नागपुर के विकास को बल दिया गया है। लाजिस्टिक हब के लिए भरपूर निधि दी जा रही है। मिहान व मेट्रो के लिए भी निधि का प्रावधान किया गया है। पूर्व नागपुर में संताजी आर्ट गैलरी प्रकल्प के लिए 6 करोड़ की निधि मंजूर की गई। संतरा उत्पादक किसानों के लिए भी राहत है। 

कृष्णा खोपडे, विधायक पूर्व नागपुर
सरकार की असफलता

राज्य सरकार की असफलता साफ दिख रही है। ग्रामीण क्षेत्र को नजरअंदाज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के दावे के बाद भी नाफेड ने प्याज खरीदी आरंभ नहीं की है। महंगाई पर नियंत्रण की उपाय योजना नहीं की जा रही है। किसानों के लिए राहत का ठोस प्रावधान नहीं किया गया है।  

नितीन राऊत, पूर्व पालकमंत्री
नई दिशा देने वाला बजट

राज्य को विकास की नई दिशा देने वाला बजट उपमुख्यमंत्री ने पेश किया है। राज्य के इतिहास में पहली बार समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट है। बजट के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार का अभिनंदन। 

 - प्रवीण दटके, विधायक व भाजपा शहर अध्यक्ष
चुनावी स्वप्न दिखाया गया है

राज्य की जनता को चुनावी स्वप्न दिखाया गया है। बिजली बिल माफी के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है। किसानों को राहत देने के लिए ठाेस निर्णय नहीं लिया गया है। रोजगार और महंगाई के विषय को छुआ तक नहीं है।

विकास ठाकरे, अध्यक्ष शहर कांग्रेस
समाधान कारक है बजट

शिंदे-फडणवीस के नेतृत्व की सरकार ने पहला बजट समाधान कारक पेश किया है। फसल बीमा के मामले में किसानों को राहत दी जा रही है। कामगारों के लिए नीतिगत निर्णय लिए जा रहे हैं। आर्थिक तौर से पिछड़े जरूरतमंद परिवारों को राहत देेने का प्रयास किया जा रहा है।

अाशीष देशमुख, पूर्व विधायक 
आंकड़ों का मृगजाल दिखाया है

आंकड़ों का मृगजाल दिखाया गया है। किसानों को बिजली बिल में राहत देने के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। फसल नुकसान का सैटेलाइट के माध्यम से सर्वेक्षण करके राहत की घोषणा करने का वादा किया गया था, लेकिन बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई।

सलिल देशमुख, जिला परिषद सदस्य
केवल पुरानी बातें

विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के समय सरकार ने विकास के मामले में जो बातें की थीं, वही दोहरायी गई है। राज्य सरकार का पूरक बजट इस बजट में पढ़ा गया है। सामाजिक न्याय की योजनाओं के लिए निधि नहीं दी गई है।

नागोराव जयकर, महासचिव बसपा महाराष्ट्र 
डबल इंजन का जोश नहीं

भाजपा दावा करती है कि राज्य में डबल इंजन की सरकार चल रही है, लेकिन बजट में सरकार कोई जोश नहीं दिखा पाई है। यहां तक की चुनावी बजट होने की उम्मीद भी धरी रह गई है। सरकार केवल आंकड़ों में उलझा रही है। नया कुछ नहीं है।

नरेंद्र जिचकार, सचिव कांग्रेस महाराष्ट्र
आंकड़ों में समानता नहीं

आंकड़ों में समानता नहीं है। साफ है सरकार ने चुनाव को ध्यान में रखते हुए आंकड़ों की घोषणाएं की हैं। खर्च और आय के संतुलन को नजरअंदाज किया जा रहा है। नया प्रकल्प नहीं लाया जा रहा है। 

दुनेश्वर पेठे, अध्यक्ष राकांपा शहर
किसानों का कल्याण

किसानों के लिए कल्याणकारी बजट है। विदर्भ में किसानों को खेती के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। किसानों के िलए केवल एक रुपए की फसल बीमा योजना एेतिहासिक है।

परिणय फुके, पूर्व राज्यमंत्री
विकास पर ध्यान

राज्य के विकास पर ध्यान िदया जा रहा है। विकास योजनाओं के लिए निधि के अलावा स्वास्थ्य उपचार के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना की सहायता निधि बढ़ाकर गरीब वर्ग को राहत दी गई है।

अर्चना डेहनकर, सचिव भाजपा महाराष्ट्र
विदर्भ को संजीवनी देने वाला 

कृषि, शिक्षण, क्रीड़ा, संस्कृति, उद्योग की दृष्टि से विदर्भ को नवसंजीवनी देने वाला बजट राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया है। फडणवीस द्वारा ‘पंचामृत’ ध्येय पर आधारित बजट से विदर्भ के विकास को एक नई दिशा मिलेगी। 

-संदीप जोशी, पूर्व महापौर 

विकास को मिलेगी गति

आज का बजट सही अर्थों में सर्व समावेशक और जनता के हित का है। किसानों को सबसे बड़ी राहत मिली है। आशा सेविकाओं के मानधन में वृद्धि हुई है। नागपुर के लिए भी अत्यंत लाभदायी व विकास को गति देने वाला बजट है।

-मोहन मते, विधायक भाजपा
विकास पर जोर

उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा पेश किया गया बजट ग्रामीण और शहर विकास, दोनों को मजबूत करने वाला है। इंफ्रा-प्रोजेक्ट्स, स्वास्थ्य और गरीबों के लिए उत्थान पर जोर देते हुए अनुदान दिया गया है। राज्य के समर्थन से चलने वाली केंद्रीय योजनाओं का विलय करने का निर्णय उचित है।

-अजय संचेती, पूर्व राज्यसभा सदस्य
शिक्षा क्षेत्र को बजट नहीं

बजट में किसान, खेत मजदूर और शिक्षा क्षेत्र के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं है। पुराने पेंशन को लेकर ठोस भूमिका नहीं ली गई। 20 साल से बिना अनुदानित महाविद्यालय को अनुदान देने बाबत भी कोई प्रावधान नहीं है। 

- सुधाकर अडबाले, विधायक, कांग्रेस 
न्याय देने वाला बजट है

वित्तमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वास्तविकता से परिपूर्ण विकास, समाज के साथ किसान, महिलाएं, सामान्य आदमी, छोटे व्यापारी, आंगनवाड़ी, महापुरुषों सहित सभी घटकों को न्याय देने वाला बजट दिया है। पर्यटन का विशेष ध्यान रखा गया है। 

-चंदन गोस्वामी, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा 
पर्यटन पर जोर 

पर्यावरण "पंचामृत’ के पांच घटकों में से एक है।  राज्य के बजट में झीलों के संरक्षण, औषधीय पौधों से युक्त अमृत वन के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा गया है।  नागपुर के लिए अच्छी खबर, गोरेवाड़ा में अफ्रीकी सफारी और बर्ड पार्क प्रस्तावित है, जो इको-टूरिज्म को बढ़ावा देगा।

-कौस्तव चटर्जी, पर्यावरणविद् 
गुमराह किया गया

प्रदेश का बजट सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है। आपदाग्रस्त किसानों के लिए मदद की कोई ठोस योजना नहीं है। बजट अर्थहीन और जनता को गुमराह करने वाला है।  निराशाजनक बजट है। 

-एड. नंदा पराते, प्रदेश महासचिव, कांग्रेस 

बजट से व्यापार और उद्योग जगत हर्षित

समग्र विकास के लिए एक रोडमैप

अमृत काल में राज्य का पहला बजट पांच प्रमुख लक्ष्यों पर आधारित ‘पंचामृत' बजट है। विदर्भ और नागपुर को बजट से“पंचामृत' की प्रत्येक श्रेणी का अपना हिस्सा मिला है। बजट महाराष्ट्र के डीसीएम के 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के विजन और इसे हासिल करने के रोड मैप को दर्शाता है।

- दीपेन अग्रवाल, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र इंडस्ट्री एंड ट्रेड

उत्कृष्ट बजट है

वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहली बार विकासशील उत्कृष्ट बजट प्रस्तुत कर सभी को खुश कर दिया है। बजट में किसानों के लिए अनेक प्रभावशाली योजनाएं लाकर सराहनीय कार्य किया है। शेतकरी भवन और शिव थाली भोजन की व्यवस्था बेहतर कदम है। 
- प्रताप मोटवानी, सचिव, दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन

विदर्भ की झोली भर गई

वेद कई दिनों से एमआईडीसी पैटर्न पर लॉजिस्टिक्स पार्क की मांग कर रहा है। यह सपने के सच होने जैसा है। इससे नागपुर मध्य भारत के लिए एक रसद और वितरण केंद्र बन जाएगा। नागपुर हवाईअड्डे का विस्तार आवश्यक हो गया है। गोरेवाड़ा में अफ्रीकी सफारी की स्थापना से पर्यटन में भारी उछाल आएगा।

- देवेंद्र पारेख, अध्यक्ष, वेद
सभी क्षेत्रों के लिए प्रावधान

बजट में सभी वर्गो का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है। कृषि केंद्र के लिए 228 करोड़ का प्रावधान और किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए सम्मान निधि देने की घोषणा सराहनीय कदम है। लॉजिस्टिक हब, हवाई अड्डे के विस्तार, मिहान को 100 करेाड़ रुपए के आवंटन से विकास को बूस्ट मिलेगा। 

- श्रवणकुमार मालू, अध्यक्ष, विदर्भ टैक्सपेयर्स एसोसिएशन
केवल चुनावी घोषणाएं

राज्य सरकार ने केंद्र की ही तरह बजट में केवल चुनावी घोषणाएं कर जनता को गुमराह करने का काम किया है। वर्षों से शहर के चारों ओर ट्रांसपोर्ट प्लाजा बनाने की मांग की जा रही है, जो अब तक पूरी नहीं हुई। पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करना चाहिए था। 
- कुक्कू मारवाह, अध्यक्ष, नागपुर ट्रकर्स यूनिटी

वंचितों के लिए न्या

बजट किसानों, युवाओं और व्यापारियों को समर्थन देने के अलावा ओबीसी, विकलांगों और महिलाओं को न्याय भी प्रदान करता है। मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिती कार्यक्रम में 10 हजार लघु उद्योग शुरू करने जा रहे हैं। इसका स्‍वागत है।
- जयसिंह चव्हाण, सदस्य, केंद्रीय सलाहकार बोर्ड सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय

Created On :   10 March 2023 11:20 AM GMT

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