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हाईकोर्ट की चेतावनी के बाद 50 करोड़ जमा करने को तैयार हुए बिल्डर कुलकर्णी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद पुणे के बिल्डर डीएस कुलकर्णी 50 करोड़ रुपए जमा करने के लिए तैयार हो गए हैं। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि यदि यह रकम नहीं जमा की गई, तो आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर दिया गया संरक्षण अपने आप समाप्त हो जाएगा। जस्टिस अजय गड़करी ने कुलकर्णी को इस संबंध में सोमवार तक हलफनामा दायर करने को कहा है। बिल्डर कुलकर्णी के खिलाफ पुणे में आपराधिक मामला दर्ज कराया गया है। इस मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखेत हुए कुलकर्णी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की है। सुनवाई के दौरान कुलकर्णी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने उसकी 6 संपत्तियों की सूची जस्टिस के सामने पेश की।
सरकारी वकील की दलील
सरकारी वकील ने कहा कि सूची में शामिल सारी संपत्तियां बैंक में गिरवी है। इससे नाराज जस्टिस ने कुलकर्णी को कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस ने कहा कि बैंक के पास गिरवी रखी गई संपत्ति की सूची हमारे सामने न पेश की जाए। जो संपत्ति तुरंत बेची जा सकती है उसकी सूची हमारे सामने पेश करो। जस्टिस ने आरोपी से कहा कि वे हाईकोर्ट को मोलभाव करनेवाली जगह न समझे। जस्टिस ने कहा कि इतने वर्षों में आरोपी ने जितना मुनाफ कमाया है, उसका 25 फीसदी नकद कोर्ट में जमा की जाए। अन्यथा हमे कड़ा निर्णय लेना पडेगा। इस पर कुलकर्णी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल खुद के स्वामित्ववाली संपत्ति बेच कर लोगों के पैसों का भुगतान करेंगे। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
मीडिया ने कुलकर्णी ने दिया था बयान
इससे पहले बिल्डर डीएस कुलकर्णी ने मीडिया में कहा था कि मैं विजय माल्या जैसा भगोड़ा नहीं हूं। मैंने किसी के साथ धोखाधड़ी नहीं की है। सभी निवेशकों को उनकी राशि लौटाई जाएगी। कुलकर्णी ने निवेशकों से उन पर भरोसा रखने का भी आह्वान किया था। निवेशकों के रुपए नहीं लौटाने पर डीएसके ग्रुप के प्रमुख कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती कुलकर्णी पर शिवाजीनगर पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कुलकर्णी ने कहा था कि हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है।
Created On :   30 Nov 2017 2:40 PM GMT