नागपुर मनपा के खजाने में सेंध - रसीदों के आधार पर भेज रहे डिमांड

Burglary in the treasury of Nagpur Municipal Corporation - sending demand based on receipt
नागपुर मनपा के खजाने में सेंध - रसीदों के आधार पर भेज रहे डिमांड
नागपुर मनपा के खजाने में सेंध - रसीदों के आधार पर भेज रहे डिमांड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका सीमा क्षेत्र अंतर्गत 6 लाख से अधिक संपत्तियां हैं। मनपा इन संपत्ति धारकों से हर साल संपत्ति कर (टैक्स) वसूलती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कई करदाता ऐसे हैं, जिनकी संपत्तियों का रिकार्ड (अकाउंट) मनपा में उपलब्ध नहीं है। कब से टैक्स लग रहा है, कितना कर निर्धारण हुआ है, कितना टैक्स भरा है? कोई जानकारी नहीं है। इन करदाताओं को रसीदों के आधार पर हर साल संपत्ति कर का डिमांड भेजा जा रहा है। 

बहुत बड़ा घालमेल

जानकारी के अभाव में करदाता भी डर के मारे में अपना कर नियमित तौर पर मनपा को भुगतान कर रहा है, लेकिन संपत्तियों का रिकार्ड मांगने पर मनपा हाथ खड़े कर रही है। आरटीआई अंतर्गत प्रशासन ने भी जानकारी उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई। अंतत: राज्य माहिती आयुक्त ने पूरे मामलों को गैर-व्यवहार से जोड़ते हुए अभिलेख संबंध में जनमाहिती अधिकारी को महाराष्ट्र अभिलेख अधिनियम 2006 अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार मनपा आशीनगर जोन ने भी मामले की शिकायत कर पांचपावली पुलिस थाने से एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। मामले में पांचपावली पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है।

पैसे आखिर किसके खाते में

संदेह यह भी है कि करदाताओं ने जो पैसा भुगतान किया है, वह मनपा के अकाउंट में जमा हुआ या नहीं? सवाल यह भी किया जा रहा है कि जब मनपा में संपत्तियों का रिकार्ड नहीं है तो किस आधार पर करदाताओं को डिमांड भेजी जा रही है? ऐसे में मामला किसी बड़े गैर-व्यवहार की ओर इशारा कर रहा है। बड़े गिरोह के सक्रिय होने का संदेह जताया जा रहा है। 

इस मामले ने खोली पोल

मामला कुछ इस तरह है। शिकायतकर्ता शंकर गुलानी ने वर्ष 2013 में वार्ड क्रमांक 57 की कुछ संपत्तियों का विवरण देते हुए इन करदाताओं की संपूर्ण 134 के नोटिस और संपूर्ण टैक्स रसीद की जानकारी मांगी थी। वर्ष 2013 से 2017 तक वे लगातार इसकी जानकारी मांगते रहे, लेकिन मनपा प्रशासन से उन्हें कोई प्रतिसाद नहीं मिलता। अंतत: वे राज्य माहिती आयोग पहुंचे। राज्य माहिती आयोग की फटकार के बाद मनपा प्रशासन ने जवाब दिया, लेकिन जवाब में कहा कि उसके पास संबंधित संपत्तियों का रिकार्ड कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। 

पूछताछ जारी है

मनपा के इस जवाब से हैरान राज्य माहिती आयोग ने अपने लंबे-चौड़े आदेश में इस संपूर्ण प्रकरण में किसी बड़े गैर-व्यवहार की आशंका जताते हुए मनपा को महाराष्ट्र अभिलेख अधिनियम 2006 अनुसार कार्यवाही करने के आदेश दिए। गुलानी की तरफ से एड. जतिन कुमार और एड. भूषण सचदेव मामले पर नजर बनाए हुए हैं। महाराष्ट्र अभिलेख अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही यानी पुलिस से जांच कराने को कहा गया। इस अनुसार आशीनगर जोन ने जनवरी 2021 में पांचपावली पुलिस थाने में शिकायत पुलिस से मामले में एफआईआर दर्ज करने को कहा है। फिलहाल पांचपावली पुलिस मामले में जांच कर रही है। अनेक कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है,  लेकिन अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। 

 

 

 

Created On :   12 July 2021 5:40 PM IST

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