ग्रामीण क्षेत्र से गुजरने वाली बसें फुल होने से भी बढ़ी परेशानी

Buses passing through rural areas also increased trouble due to full
ग्रामीण क्षेत्र से गुजरने वाली बसें फुल होने से भी बढ़ी परेशानी
दिक्कतें ग्रामीण क्षेत्र से गुजरने वाली बसें फुल होने से भी बढ़ी परेशानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इन दिनों निजी ड्राइवरों की मदद से एसटी बसों को चलाया जा रहा है, लेकिन यह बसें केवल शहरवासियों के लिए ही उपयोगी साबित हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र से न के बराबर बसें चलाई जा रही हैं। ग्रामीण से शहर की ओर आने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें पूरी तरह से निजी बसों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। एसटी की तुलना में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। 

ग्रामीण डिपो से चल रहीं एक या दो बसें : गत 13 सप्ताह से एसटी के कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। ऐसे में प्रशासन ने कार्यालयीन कर्मचारियों का उपयोग कर कुछ बसों को सड़कों पर निकाला, लेकिन यह नाकाफी इंतजाम था। ऐसे में प्रशासन सेवानिवृत्त कर्मचारी व निजी ड्राइवरों की मदद से बसों को चला रहा है। जिससे यात्रियों को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यह राहत केवल शहर के लोगों तक ही सीमित है, क्योंकि नागपुर विभाग के ग्रामीण डिपो से एक या दो बसें ही चल रही हैं, जबकि शहर के डिपो से प्रतिदिन 25 बसें तक चलाई जा रही हैं। ऐसे में शहर से ग्रामीण क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों को आसानी से बसें मिल रही हैं, लेकिन ग्रामीण से शहर में आने के लिए यात्रियों को बसों के लिए तरसना पड़ रहा है। 

ग्रामीण क्षेत्र में निजी बसें भी मुश्किल से मिल रही हैं : शहर में एसटी बसों के अलावा यात्रियों को निजी वाहनों का साथ आसानी से मिल रहा है, लेकिन ग्रामीण में यात्रियों को निजी बसें भी ब-मुश्किल मिलती हैं। आंकड़ों की बात करें, तो ग्रामीण के उमरेड डिपो से 2 से 3, सावनेर से 5, रामटेक व काटोल से केवल 1-1 ही बस चलाई जा रही है। नागपुर शहर से इन ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली अधिकांश बसें फुल रहने से इनमें यात्रा करना लोगों के लिए संभव नहीं हो रहा है। 

Created On :   30 Jan 2022 2:36 PM IST

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