- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- लाखों की जमीन करोड़ की होते ही...
लाखों की जमीन करोड़ की होते ही मालिक की नीयत बदली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के भांडेवाड़ी क्षेत्र में वर्ष 2000 में जिस जमीन की कीमत महज 16 लाख रुपए हुआ करती थी, वह अब 10 करोड़ तक पहुंच चुकी है। 18 वर्ष पूर्व इस भूखंड पर 88 प्लॉटों का निर्माण कर 80 प्लॉटों को 50 लोगों में बेच दिया गया। इस दौरान अधिकांश प्लाॅटधारकों ने एडवांस राशि का भुगतान करते हुए शेष राशि किस्तों में अदा कर दी। क्वेटा कालोनी निवासी जमीन मालिक कविता केवलानी ने इन प्लॉटधारकों को बदले में बयाना पत्र, करारनामा, पावती एवं कब्जा पत्र दे दिए। शीघ्र ही रजिस्ट्री कराने का भरोसा दिलाया, लेकिन वक्त बीतता गया और लाखों की जमीन करोड़ों में पहुंच गई। आज तक जमीन मालिक द्वारा रजिस्ट्री नहीं कराए जाने से संबंधित प्लॉटधारक ठगा- सा महसूस कर रहे हैं।
पीड़ित प्लॉटधारकों ने इसकी शिकायत लकड़गंज थाने में कर दी। शिकायत के छह माह बीतने के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। गौरतलब है कि जमीन धोखाधड़ी के मामलों को पुलिस अनेक दिनों तक जांच के नाम पर रोककर प्लॉटधारकों को अलग से प्रताड़ित करती है।
रजिस्ट्री का अधिकार छीना
भांडेवाड़ी में करीब 1 लाख वर्ग फीट जमीन का विवाद बीते 18 वर्षों से सुलझ नहीं पाया। जमीन मालिक कविता केवलानी ने वर्ष 2000 में 80 प्लॉटों की 50 लोगों में बिक्री की थी। उन्हें बयाना पत्र, करारनामा, पावती व कब्जा पत्र दिया था। पश्चात रजिस्ट्री देना टाला गया। 2015 में प्लॉटधारकों ने कविता केवलानी के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी। समझौते अनुसार उन्होंने समाज के दो पंचों को आम मुख्तयार पत्र देकर रजिस्ट्री के अधिकार सौंपे। कम कीमत में बिकी जमीन को गंवाने का मलाल होने से रजिस्ट्री पर रोक लगाने, केवलानी ने पंचों को दिए अधिकार वापस लेने के लिए कोर्ट में केस दायर किया।
किसी प्लॉटधारक ने रकम नहीं दी
हमारे खिलाफ की गई शिकायत गलत है। प्लॉटधारकों ने रकम अदा ही नहीं की है तो हम रजिस्ट्री कैसे कराएंगे? 50 प्लॉटधारकों में से किसी ने कोई पेमेंट नहीं दिया है। इस विषय पर मुझे अधिक जानकारी नहीं देना है।
(कविता केवलानी, जमीन मालिक, भांडेवाड़ी)
एक माह में पूर्ण करेंगे जांच
कविता केवलानी के खिलाफ अनेक प्लॉटधारकों ने शिकायत कर रखी है। परंतु आरोपी महिला वृद्ध है एवं अनेक प्रकार की बीमारी से पीड़ित है। वह इलाज के लिए मुंबई व अन्य शहरों में जाती है, इसलिए पुलिस दबाव में बयान व जांच पूर्ण नहीं कर सकती। हम कोई रिस्क लेना नहीं चाहते। बावजूद एक माह के जांच पूर्ण करेंगे।
(संतोष खांडेकर, पुलिस निरीक्षक, लकड़गंज थाना)
भविष्य के लिए निवेश
मैंने कविता केवलानी से 1620 वर्गफीट के प्लॉट का सौदा किया था और 25900 रुपए किस्तों में अदा किए। रकम अदायगी के बाद मुझे बयाना पत्र, कब्जा पत्र एवं रकम प्राप्त होने की पावती दी गई, लेकिन अब तक रजिस्ट्री कराकर नहीं दी गई है। पुलिस थाने के चक्कर काटने के बावजूद न्याय नहीं मिल पा रहा है।
(गोपीचंद सुगंध, निवासी, छापरू नगर)
दिव्यांग बेटी के लिए खरीदा प्लॉट
मैंने दिव्यांग बेटी की भविष्य के लिए 3240 वर्गफीट के प्लॉट के लिए 51 हजार 850 रुपए किस्तों में अदा किए। पत्नी के गहने बेचकर इस जमीन को खरीदा था। जमीन मालिक ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया को रोक रखा था। बरसों बीत जाने के बावजूद स्थिति दूर नहीं हो पा रही है।
(रमेश धिगड़ा, निवासी, शांति नगर कालोनी)
निवेश का लाभ नहीं मिला
आर्थिक स्थिति कमजोर होते हुए भी तब मैंने अपने बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए प्लॉट खरीदने का सौदा किया था। 1620 वर्गफीट जमीन के लिए 25,900 रुपए किस्तों में अदा की। आज भी इस निवेश का लाभ मुझे नहीं मिल पाया है।
(पुरुषोत्तम वसन्दानी, निवासी, इंदोरा)
कर्ज लेकर चुकाई फीस
मैंने एक हजार वर्गफीट के लिए 16 हजार रुपए चुकता किए थे, लेकिन पावती जमीन मालिक ने अब तक नहीं दी। रजिस्ट्री कराने का डमी पत्र देकर मुझे खुश करने का प्रयास किया गया। जब एनआईटी से डिमांड पत्र आया तो कर्ज लेकर फीस चुकानी पड़ी। आज भी हक के लिए लड़ रही हूं।
(अनघा मुलमुले, गृहिणी, शांति नगर)
प्लॉट का कोई लाभ नहीं
1200 वर्गफीट के प्लॉट के लिए मैंने 19,200 रुपए की जमा पूंजी जमीन मालिक कविता केवलानी के हाथों में थमा दी। मैंने प्लॉट तो खरीद लिया, लेकिन उस जमीन की रजिस्ट्री अब तक नहीं दी गई है। न जमीन को बेच नहीं पा रही हूं और न ही इस पर किसी प्रकार का लोन मिल पा रहा है।
(गौरी शर्मा, गृहिणी, शांति नगर)
Created On :   1 Aug 2018 12:37 PM IST