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गोभी को नहीं मिल रहा भाव, खेत में रोटावेटर चलाने मजबूर किसान

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। एक पखवाड़ा पहले आसमान छू रहे हरी सब्जियों के भाव आवक बढऩे से अब धरातल पर आ गए हैं। भाव कम होने से लोगों को महंगाई से न केवल राहत मिली है, बल्कि वे ठंड के मौसम में अलग -अलग सब्जियां और सलाद का स्वाद भी ले रहे हैं। इसके विपरित किसानों को अपनी उपज का उचित दाम नही मिलने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि 40 से 60 रुपए प्रतिकिलों तक बिकने वाली गोभी इन दिनों थोक में 4 से 5 रुपए और फुटकर में 15 से 20 रुपए प्रतिकिलो के भाव से बिक रही है। आर्थिक नुकसान होने और लागत नहीं निकल पाने के कारण किसान अपने खेत में गोभी फसल पर रोटावेटर चलाने मजबूर हो रहे हैं। यही स्थिति टमाटर और हरा धनिया की भी है। थोक में टमाटर 4 से 6 रुपए और धनिया 5 से 6 रुपए एवं फुटकर में टमाटर 10 से 15 रुपए व हरा धनिया 15 से 20 रुपए प्रतिकिलों के भाव से बेचा जा रहा है। इन सब्जियों के अलावा थोक व फुटकर बाजार में आलू, प्याज सहित अन्य हरी सब्जियों के भाव में भी आवक बढऩे से भारी गिरावट आई है।
मंडी से व्यापारी लौटा रहे गोभी
आवक बढऩे और भाव में भारी गिरावट आने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मंडी में गोभी एक सप्ताह पहले 2 से 3 रुपए प्रतिकिलो के भाव से किसानों से खरीदी गई। जिससे किसान और व्यापारियों को हमाली, वाहन किराया और लागत निकालना मुश्किल हो रहा था। किसानों ने बताया कि इस स्थिति में व्यापारियों ने गोभी मंडी में लाने से साफ मना कर दिया था। हालांकि वर्तमान में भाव 4 से 5 रुपए तक मिल रहे हैं। जिससे किसान सिर्फ लागत निकाल पा रहे हैं, फायदा नहीं हो रहा है।
एक एकड़ पर 15 से 20 हजार तक लगती है लागत
मोहखेड़ विकासखंड के ग्राम रजाड़ा निवासी किसान कैलाश पवार ने बताया कि एक एकड़ खेत में गोभी की लागत अधिकतकम 15 से 20 हजार रुपए तक आती है। भाव अच्छे मिलने से लागत निकलने के साथ -साथ फायदा भी हो जाता है, लेकिन इस बार गोभी को थोक में कभी 2 से 4 तो कभी 4 से 5 रुपए प्रतिकिलो का भाव मिलने से फायदा तो दूर लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
रोटावेटर चलाने जैसे हालात
गोभी फसल को वर्तमान में अच्छा भाव नही मिलने से किसान अपनी फसल को बाजार में ले जाने के बजाए खेत में रोटावेटर चलाना बेहतर मान रहे हैं। ताकि वाहन किराया, मजदूरी का बोझ अलग से नहीं उठाना पड़े। मोहखेड़ के गोरखपुर निवासी किसान सुभाष पराडकर ने बताया कि एक सप्ताह पहले 2 रुपए किलो के भाव से गोभी मंडी में बेचना पड़ा। घाटा और अधिक न हो इससे बचने के लिए उन्होंने अपने सवा एकड़ खेत में लगी गोभी की फसल रोटावेटर चलाकर नष्ट कर दी।
सब्जियों के भाव थोक में
थोक बाजार में सब्जियों के भाव में भारी कमी आई है। इस समय आलू 14 से 15 रुपए, प्याज 20 से 30 रुपए, टमाटर 4 रुपए, हरी मिर्च 22 से 25 रुपए, धनिया 5 से 6 रुपए, शिमला 20 से 22 रुपए, भटे 7 से 8 रुपए, भिंडी 20 से 25 रुपए, करेला 25 से 28 रुपए, सेमी 15 से 20 रुपए, फर्रास 20 से 22 रुपए, हरा मटर 28 से 30 रुपए, मेथी, पालक 5 से 8 रुपए प्रतिकिलो के भाव पर बिक रही है।
सब्जियों के भाव फुटकर में
सब्जियां फुटकर बाजार में अभी भी थोक मंडी की अपेक्षा अधिक दामों पर बेची जा रही है। इस समय आलू 25 से 30 रुपए, प्याज 30 से 40 रुपए, टमाटर 10 से 15 रुपए, हरी मिर्च 35 से 40 रुपए, हरा धनिया, भटे, लौकी 15 से 20 रुपए, भिंडी, सेमी, बरबटी 25 से 30 रुपए, हरा मटर 35 से 40 रुपए, फर्रास, गिल्की 25 से 30 रुपए के भाव से बेची जा रही है।
खंडवा से आ रही भिंडी, फर्रास जा रही हैदराबाद
थोक विक्रेता विजय कुशवाह ने बताया कि वर्तमान में जिले में भिंडी, ककड़ी व तवावेज की सब्जियां खंडवा से और गाजर व कुम्हड़ा नागपुर से आ रहा है। जबकि जिले से आलू महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ व फर्रास हैदराबाद, गुजरात और गोभी व टमाटर छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र सहित प्रदेश के अन्य शहरों में सप्लाई हो रहा है।
Created On :   21 Dec 2020 11:26 PM IST