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अब श्वानों की इन-कैमरा होगी नसबंदी,तेजी से बढ़ी श्वानों की संख्या से परेशान हैं लोग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में आवारा श्वानों का खतरा और संकट बढ़ गया है। अब तक अनेक कोशिशों के बावजूद मनपा को इसमें सफलता नहीं मिली है। अगर अभी भी आवारा श्वानों को लेकर कोई उपाययोजना नहीं की गई, तो अगले साल आवारा श्वानों की संख्या बढ़कर 1.50 लाख तक पहुंच जाएगी। अगले पांच साल में यह संख्या 7.50 लाख तक होगी। ऐसे में महानगरपालिका ने अब रोजाना 400 यानी महीने में 12 हजार श्वानों की नसबंदी करने का लक्ष्य रखा है।
महापौर संदीप जोशी ने बताया कि फिलहाल मनपा में एक एजेंसी काम कर रही है। उसे रोजाना 200 श्वानों की नसबंदी का टारगेट दिया गया है। एक अन्य एजेंसी को इसी तरह का टारगेट देकर अब रोजाना 400 श्वानों की नसबंदी का नियोजन किया गया है। हर महीने 12 हजार श्वानों की नसबंदी की जाएगी। हम चाहते है कि एजेंसी अगले 10 महीने में सभी श्वानों की नसबंदी का काम पूरा करें। जरूरत पड़ी तो इसके लिए एक सीमेंट रोड कम करेंगे, लेकिन नसबंदी का काम पूरा करेंगे।
अब दिखाई गंभीरता
मनपा ने श्वानों की संख्या पर रोकथाम करने अनेक प्रयास किए। लेकिन उनकी संख्या बड़े पैमाने पर है। फिलहाल मनपा ने इस विषय को गंभीरता से लिया है। रोकथाम करने श्वानों की नसबंदी मुहिम चलायी जाएगी। इसके लिए एक एजेंसी नियुक्त की गई है। दूसरी कंपनी की तलाश की जा रही है। जल्द यह प्रक्रिया खत्म होने के बाद महीने में 12 हजार श्वानों की नसबंदी की जाएगी। ये सभी नसबंदी इन-कैमरा यानी कैमरे के सामने होगी। महापौर संदीप जोशी ने बताया कि इन एजेंसियों को मनपा जगह उपलब्ध कराएगी। कुछ महीने में नागरिकों को श्वानों की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
बढ़ गया आतंक
शहर में आवारा श्वानों का आतंक बढ़ा है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2011 से 2017 सितंबर तक शहर में 68 हजार 218 लोगों को श्वानों ने काटा। इसमें 84 लोगों को जान गंवानी पड़ी। 2017 से अब तक इन घटनाओं में और बढ़ोतरी हुई है। आवारा श्वानों की बढ़ती संख्या पर लगाम कसने मनपा ने श्वानों की नसबंदी अभियान चलाया था। यह काम निजी एजेंसी को सौंपा गया था। किन्तु कंपनी के नसबंदी कार्यक्रम में अनियमितता के आरोप लगे। जिसके बाद मनपा ने खुद को अलग कर लिया।
करते हैं हमला
विशेष यह कि श्वानों का पंजीयन ठीक से नहीं हुआ और श्वानों का विविध परिसर में छोड़ने से दिया गया। परिसर बदलने से अब श्वान रातभर रास्तों पर घूमते रहते हैं। नए ठिकानों की तलाश में अब ये नागरिकों पर हमला कर रहे हैं। वे नागरिकों को काट रहे हैं। वर्ष 2019 के अप्रैल से सितंबर के बीच 4629 लोगों को श्वानों के काटने के मामले सामने आए हैं।
Created On :   15 Jan 2020 3:48 PM IST