गलती से ज्यादा वेतन देने पर नहीं कर सकते वसूली, शिक्षिका को राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया है कि गलत वेतनमान तय करने के चलते दी गई अतिरिक्त राशि की वसूली कर्मचारी से नहीं की जा सकती है। इस तरह न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसएम मोडक की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए पीटी शिक्षक रेनू निशाने को राहत प्रदान की है। खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया है कि एक साल में सेवानिवृत्त होनेवाले अथवा सेवानिवृत्त हो चुके वर्ग तीन व चार के कर्मचारियों से वसूली पर रोक लगाई है। याचिकाकर्ता का मामला सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के दायरे में आता है। इसलिए उन्हें राहत प्रदान की जाती है। याचिकाकर्ता रेनू निशाने की साल 1994 में मुंबई मनपा के स्कूल में पीटी शिक्षक के रुप में नियुक्त की गई थी। इस बीच मुंबई महानरपालिका ने साल 2003 में परिपत्र जारी कर मराठी न जाननेवालों के लिए तीन साल में मराठी की परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य कर दिया था। चूंकि याचिकाकर्ता ने मराठी में परीक्षा पास नहीं की थी इसलिए इस परिपत्र के तहत उनके इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी गई। लेकिन याचिकाकर्ता को पहले की तरह वेतन मिलता रहा है। जब वह साल 2022 में सेवा के अंतिम पडाव पर पहुंच गई तो उन्हें बताया गया कि उनका गलत वेतनमान तय किया गया था इसलिए उनसे पैसों की वसूली की जाएगी। लिहाजा याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि गलत वेतनमान के चलते मिले अतिरिक्त पैसों की वसूली नहीं की जा सकती है।
Created On :   21 July 2022 9:39 PM IST