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सड़कों पर डेरा जमाए मवेशियों से मिलेगा छुटकारा, टैगिंग कर भेजे जाएंगे कैटल शेड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में सड़कों के बीचों-बीच डेरा जमाए मवेशियों सेअब निजात मिलने वाली है। रास्ते के बीच बैठने वाले मवेशियों से राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी होती है। इससे न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि कई बार दुर्घटनाएं भी होती हैं। इस समस्या का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट द्वारा इस मामले में मांगे गए समाधान पर क्षेत्रीय डेयरी डेवलपमेंट ऑफिसर ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि विभाग शहर के आवारा पशुओं की टैगिंग कर उन्हें कैटल शेड में भेजेगा। इस कार्य में उन्हें 6 माह लगेंगे।
पूर्व में विभाग ने हाईकोर्ट को जानकारी दी थी कि आवारा मवेशियों की समस्या के समाधान स्वरूप मनपा ने शहर में 569 कैटल शेड को अवैध घोषित किया है, जिसमें से अब तक 200 पर कार्रवाई की जा चुकी है। शेष कैटल शेड पर भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि नागपुर शहर में बढ़ रही किशोर बाइक राइडरों की संख्या से बाइक हादसे खूब हो रहे हैं। इस पर यह जनहित याचिका कोर्ट में चल रही है। इसी याचिका में शहर में यातायात से जुड़ी अन्य समस्याएं जैसे बसों की अवैध पार्किंग, सड़कों पर मवेशियों के बैठने से यातायात व्यवधान का मुद्दा भी याचिका में उठा है।
स्टूडेंट्स के पेरेंट्स से लिया शपथपत्र
उल्लेखनीय है कि शहर में कुछ वर्ष पूर्व कोचिंग क्लास जाते समय एक 15 वर्षीय बालक दुर्घटना का शिकार हो गया था, जिसमें एक महीला की मृत्यु हो गई थी। बालक के खिलाफ मुकदमा दायर होने पर उसके पालकों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। किशोर वर्ग द्वारा चलाए जा रहे ज्यादा सीसी के वाहनों से शहर में दिनों-दिन ऐसी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। इसे संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने स्वयं जनहित याचिका दायर की थी।
मामले में हुई सुनवाई में मनपा ने हाईकोर्ट को बताया कि उनके निर्देश पर शहर के निजी कोचिंग क्लास संचालकों ने अपने 7 हजार 321 विद्यार्थियों के अभिभावकों से शपथपत्र लिया है कि किशोर वर्ग को दिए जा रहे वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं के जिम्मेदार पालक होंगे। मामले में एड. श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं।
Created On :   30 Aug 2018 12:20 PM IST