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बारिश के कारण मंडियों में पहुंचने से पहले ही काले पड़ रहे फूलगोभी के फूल

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/ पांढुर्ना। फूलगोभी के भाव रोज कम होते जा रहे है। एक सप्ताह पहले तक फूलगोभी खेतों में ही दस से पंद्रह रूपए किलो बिक रही थी। एकाएक भाव गिरने से रविवार को फूलगोभी थोक में दो से चार रूपए किलो के भाव से बिकी। लगातार भाव कम होने से गोभी उत्पादक किसान परेशान है। अभी भी क्षेत्र में पांच सौ से अधिक किसानों के खेतों में फूलगोभी की फसल तैयार है। भाव कम होने से कई किसानों के सामने लागत भी निकालना मुश्किल हो गया है। वहीं ऐसे ही भाव कम होते रहे तो गोभी के खरीददार भी नही मिलेंगे। इस साल अधिक संख्या में किसानों ने फूलगोभी लगाई है, फूलगोभी निकलने के शुरूआती सीजन में फूलगोभी के अच्छे भाव थे। दस से पंद्रह रूपए के भाव जगह से बिकने से किसान खुश थे। लेकिन दो और चार रूपए किलो के भाव से बिकने से किसान परेशान हो गए है।
पांढुर्ना विकासखंड में सिवनी, राजना, हिवरा सेनाडवार, बोथिया, आजनगांव, बड़चिचोली के अलावा सिराठा, टेमनी, लेंढोरी और बिरोली, बनगांव के किसानों ने फूलगोभी उगाई है। एक एकड़ में लगभग बीस हजार फूलगोभी के फूल निकलते है। किसान 14 हजार फूल प्रति एकड़ के हिसाब से उम्मीद रखते है। इस साल भी किसानों की उम्मीद खरी उतरी और शुरूआत में दस से पंद्रह रूपए किलो के भाव मिलने से किसान फूलगोभी की फसल को लेकर उत्साहित भी रहे। आड़तियों और एजेंटों के माध्यमों से रोजाना बनारस, पटना, इलाहाबाद और छत्तीसगढ़ की मंडियों में फूलगोभी रवाना हुई। पर एकाएक फसल पर पड़ी मार से फूलगोभी के भाव सीधे आधे से कम हो गए। रविवार को गोभी उत्पादक किसानों से दो और चार रूपए किलो के भाव पर आड़तियों ने फूलगोभी ली। किसान वामन डोबले, प्रभाकर देशमुख, योगराज सोटे, रामेश्वर देशमुख, राजू देशमुख, शेषराव धुर्वे का कहना है कि इस भाव से फूलगोभी बिकने से लागत और मेहनत भी नहीं निकल पा रही है।
Created On :   22 Aug 2021 4:50 PM IST