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दाभोलकर हत्याकांड: सचिन अंधुरे के साथ CBI ने किया मौका ए वारदात का मुआयना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक डॉ नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में गिरफ्तार सचिन अंधुरे की कस्टडी बढ़ाने के बाद शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने मौका ए वारदात का मुआयना किया। सीबीआई अंधुरे के साथ बीती रात ही पुणे में दाखिल हुई और टीम ने जहां डॉ दाभोलकर को गोली मारी गई थी, उस ओंकारेश्वर मंदिर परिसर का मुआयना किया। बतादें कि 20 अगस्त 2013 को मॉर्निंग वॉक के लिए निकले डॉ दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नालासोपारा विस्फोटक सामग्री के मामले में एटीएस द्वारा गिरफ्तार शरद कलसकर से पूछताछ में दाभोलकर की हत्या में उसके और सचिन अंधुरे का हाथ होने की जानकारी मिली। दाभोलकर हत्याकांड की जांच में जुटी सीबीआई को सचिन अंधुरे की कस्टडी मिल गई है, अब एटीएस से शरद कलसकर की कस्टडी पाने की कोशिशें जारी हैं।
सचिन अंधुरे की कस्टडी खत्म होने से गुरुवार को उसे सीबीआई ने पुणे की विशेष अदालत में पेश किया। इस मामले में दूसरे आरोपी शरद कलसकर, जो कि विस्फोटक सामग्री मामले में एटीएस की कस्टडी में है और सचिन की आमने- सामने पूछताछ के लिए सीबीआई ने कस्टडी बढ़ाने की मांग की। इसके अनुसार अदालत ने उसकी कस्टडी एक सितंबर तक बढा दी है। इसके बाद आज सीबीआई की टीम ने सचिन के साथ मौका ए वारदात यानी ओंकारेश्वर मंदिर परिसर का मुआयना किया।
सीबीआई का दावा है कि, सचिन और शरद ने ही दाभोलकर पर गोली चलाई थी। इससे पहले पनवेल से गिरफ्तार वीरेंद्र तावड़े और कर्नाटक एसआइटी द्वारा वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश हत्या के मामले में गिरफ्तार पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ के चिंचवड़ निवासी अमोल काले ने दाभोलकर की हत्या की साजिश रची थी। इसके अनुसार सीबीआई ने एटीएस की कस्टडी में रहे शरद कलसकर की कस्टडी मांगी थी, जिससे मुंबई उच्च न्यायालय ने साफ इनकार कर दिया। अब एटीएस की कस्टडी में दोनों से यह पूछताछ होगी। इसके साथ ही दाभोलकर हत्याकांड के मास्टरमाइंड रहे अमोल काले, अमित दिगवेकर और राजेश बंगेरा को भी कर्नाटक एसआईटी की कस्टडी से हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू है।
Created On :   31 Aug 2018 10:18 PM IST