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पासपोर्ट मुख्यालय ही नहीं हुआ सीसीटीएनएस से लिंक

अभय यादव,नागपुर | देश के सभी पासपोर्ट कार्यालयों को सीसीटीएनएस से जोड़ने की योजना के तहत कई राज्यों के पासपोर्ट कार्यालय सीसीटीएनएस से जुड़ भी गए हैं। नागपुर शहर और ग्रामीण के थाने सीसीटीएनएस से जुड़ चुके हैं, लेकिन पासपोर्ट विभाग का मुख्यालय ही इस पद्धति से नहीं जुड़ पाया है। उल्लेखनीय है कि इस पद्धति का उपयोग पासपोर्ट बनाते समय पुलिस वेरिफिकेशन में किया जाता है। पासपोर्ट विभाग के अधिकारी एक क्लिक पर आवेदनकर्ता की जानकारी हासिल कर लेंगे कि उसके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज है या नहीं। सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) एक आधुनिक पद्धति है। नागपुर में सितंबर 2015 में इसकी शुरुआत हुई।
पुलिस विभाग ने नहीं की पहल
सूत्रों के अनुसार नागपुर जिले में सीसीटीएनएस से शहर और ग्रामीण क्षेत्र के पुलिस थाने भले ही जुड़ गए हैं, लेकिन सेमिनेरी हिल्स स्थित पासपोर्ट विभाग का मुख्यालय अभी तक नहीं जुड़ पाया है। यहां सवाल है कि जब मुख्यालय ही नहीं जुड़ पाया है, तब नागपुर में सीसीटीएनएस से पुलिस वेरिफिकेशन कैसे हो सकता है। पुलिस विभाग की ओर से अभी तक पासपोर्ट कार्यालय से इस पद्धति को लेकर कोई पहल नहीं हुई है। पासपोर्ट बनाते समय पुलिस वेरिफिकेशन (पुलिस सत्यापन) अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश सहित अन्य कुछ राज्यों के पासपोर्ट कार्यालय सीसीटीएनएस से जुड़ चुके हैं।
आधार कार्ड से लिंक करना ठंडे बस्ते में
पासपोर्ट विभाग के मुख्य कार्यायल से जुड़े सूत्रों के अनुसार अभी तक मुख्यालय को सीसीटीएनएस से जोड़ने की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। थानों से भेजे जाने वाले पुलिस वेरिफिकेशन पर पासपोर्ट जारी किए जा रहे हैं। कुछ माह पहले आधार कार्ड से पासपोर्ट को लिंक करने की घोषणा हुई थी, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चली गई। आधार कार्ड से पासपोर्ट बनाने वालों के पास दस्तावेजों का बोझ कम हो सकता है। इस बात को पासपोर्ट विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं। पासपोर्ट विभाग के मुख्य कार्यालय में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी सी. एल. गौतम ने बताया कि सीसीटीएनएस प्रणाली बेहतर हो सकती है। इसमें पुलिस वेरिफिकेशन सिर्फ मशीनों पर जो दिखेगा, वहीं नजर आएगा, लेकिन थाने में पुलिस वेरिफिकेशन के लिए पासपोर्ट बनाने वाले को स्वयं जाना पड़ता है। नागरिक आधार कार्ड लेकर पासपोर्ट बनाने आ रहे हैं, उसे लिया जा रहा है। इसके रहने से शैक्षणिक प्रमाण पत्र, स्थायी पते का प्रमाण पत्र और पुलिस वेरिफिकेशन होने पर ही पासपोर्ट बन सकता है।
प्रतिदिन 150 से अधिक वेरिफिकेशन
नागपुर शहर के सिविल लाइंस में विदेशी व पासपोर्ट विभाग का कार्यालय है। यहां देश-विदेश से जुड़े पासपोर्ट के पुलिस वेरिफिकेशन का कार्य होता है। इस कार्यालय से प्रतिदिन 150 से अधिक लोगों के पासपोर्ट का पुलिस सत्यापन किया जाता है। यह कार्य शहर की विशेष शाखा पुलिस विभाग के मार्फत होता है। नागपुर के 30 थानों से हर महीने 2500 से अधिक आवेदन पासपोर्ट बनाने के लिए मिलते हैं।
मिलेंगे आधुनिक उपकरण
पुलिस सत्यापन में सीसीटीएनएस पद्धति में एक क्लिक पर पूरी जानकारी मिल जाएगी। सीसीटीएनएस में अपराधों और अपराधियों का एक विस्तृत राष्ट्रीय डाटाबेस, विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट ई-सेवा से जुड़ा होगा। एक क्लिक पर आवेदक के पिछले इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच हो जाएगी। आवेदक का विवरण अपलोड करने के लिए पुलिस को आधुनिक उपकरण दिए जाएंगे।
देश के 15 हजार से अधिक पुलिस स्टेशन जुड़ेंगे
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीटीएनएस परियोजना शुरू की थी, जो देश के 15,398 पुलिस स्टेशनों और और पर्यवेक्षी पुलिस अधिकारियों के 5 हजार कार्यालयों को जोड़ रहा है। डाटाबेस हैकिंग की संभावना हमेशा थी, लेकिन सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। राष्ट्रीय क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर को कार्य के लिए नियोजित किया गया है। डिजिटल पुलिस नागरिकों को शिकायतें ऑनलाइन रजिस्टर करने और पृष्ठभूमि जांच के लिए अनुरोध को कुछ ही क्लिक के साथ उपलब्ध कराने में मदद करेगी। सीसीटीएनएस राष्ट्रीय डेटाबेस में पहले से ही पिछले और वर्तमान आपराधिक मामलों से संबंधित 7 करोड़ आंकड़ों के रिकॉर्ड मौजूद हैं।
Created On :   9 April 2018 1:19 PM IST