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CCTV कैमरे की मदद से मिली यात्री की बैग, आटो में छूटे बैग में थी कीमती ज्वेलरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे स्टेशन पर लगे CCTV कैमरे सी मदद से एक यात्री को अपने कीमती जेवरात और नकद सहित अन्य सामग्री वापस मिल गई। एक यात्री का गहनों से भरा बैग ऑटो में छूट गया था। जिसके बाद आरपीएफ ने CCTV के माध्यम से ऑटो का पता लगाकर यात्री को बैग वापिस किया गया। बैग में 10 लाख 25 हजार के सोने व चांदी के आभूषण थे। महिला यात्री ने आरपीएफ का आभार व्यक्त किया। कार्रवाई मंडल सुरक्षा आयुक्त ज्योतिकुमार सतिजा के नेतृत्व में किया गया।
आटो में ही छूट गया था बैग
जानकारी के अनुसार कविता ( 55) बदला हुआ नाम ट्रेन नंबर 12433 चैन्नई-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से चैन्नई से नागपुर का सफर कर स्टेशन पर शुक्रवार की रात 9.45 बजे पहुंची थी। उनके साथ उनकी छोटी बेटी भी थी। स्टेशन पर ऑटो कर वह अपने साथ लाया लगेज ऑटो में भरकर घर चली गई थी। लेकिन कुछ समय बाद उसे बैग आटो में रहने की बात ध्यान में आते ही महिला भागते-दौड़ते बिना चप्पल आरपीएफ थाने में पहुंची। थानेदार को आपबीती सुनाई। वर्तमान स्थिति में स्टेशन पर अत्याधुनिक प्रणाली के कैमरे लगे हैं। ऐसे में इसका फायदा इस महिला यात्री को मिल सका।
आरपीएफ ने ढूंढ निकाला
आरपीएफ स्टाफ ने फुटेज टटोलने पर महिला एक ऑटो वाले से बात करते हुए दिखाई दी। आरपीएफ ने परिसर में खड़े ऑटोवालों से पूछताछ करने पर एक ऑटो चालक ने संबंधीत ऑटो चालक का नाम बताते हुए नंबर दिया। ऑटो चालक को फोन लगाने पर उसने एक लाल रंग की बैग होने की बात कही, लेकिन बैग किसकी है, यह उसे पता नहीं होने की जानकारी भी दी। ऐसे में उसे तुरंत थाने बुलाया गया। सभी के सामने बैग खोलने पर उसमें सारा सामान पूर्ववत स्थिति में रखा था। ऐसे में आरपीएफ ने बैग यात्री को लौटाया। जिसके बाद यात्री ने राहत की सांस ली।
मिलने लगा कैमरे का फायदा
नागपुर रेलवे स्टेशन व्यस्त स्टेशनों में एक है। गत 15 अगस्त तक यहां 45 कैमरे लगे थे। जिसमें कुछ बंद थे, जो शुरू थे, वह भी धुंधली तस्वीरें दिखा रहे थे। ऐसे में स्टेशन पर मर्डर जैसी गुत्थियां आज तक नहीं सुलझ पाई है। कई बार चोरियों का पर्दाफाश भी नहीं हो सका है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 5 वर्षों पहले स्टेशन पर इंटिग्रेटेड सिक्युरिटी सिस्टम के माध्यम से हाईटेक कैमरे लगाने की घोषणा हुई थी। हाल ही में इसे साकार किया गया है। लाखों रुपये खर्च कर स्टेशन के भीतर व बाहर भी 210 हायटेक कैमरे लगाये गए हैं। जिसकी मॉनटरिंग आरपीएफ थाने के भीतर 10 मॉनिटर की मदद से हो रही है। इन कैमरों की क्लियारिटी इतनी बेहतर है, कि आसानी से चेहरे पहचाने जा सकते हैं। उपरोक्त मामले में ऑटो चालक को इन्हीं के माध्यम से पहचाना जा सका। अन्यथा न तो ऑटो चालक बैग मालिक का पता लगा सकता था, और न ही आरपीएफ ऑटो चालक को ढूंढ पाते थे।
Created On :   1 Sept 2018 6:34 PM IST