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ड्रेनेज के कार्य हुए बिना नहीं बनेंगे गांवों में सीमेंट रोड: पालकमंत्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने निर्देश दिए हैं कि जलसंकट से निपटने के लिए किए जा रहे कार्यों के साथ ड्रेनेज पाइप लाइन का कार्य पूरा होने तक ग्राम पंचायतों में सीमेंट रोड के विकास कार्यों को अनुमति नहीं दी जाएगी।ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट की स्थितियों को लेकर जायजा बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्राम सेवकों को जल संकट के उबरने के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए ड्रेनेज लाइन डालने के लिए 14वें वित्त आयोग, दलित बस्ती निधि व ठक्कर बाप्पा योजना से काम लें, लेकिन इन कामों के पूरा होने तक किसी भी ग्राम पंचायत में सीमेंट की सड़क बनाने की अनुमति किसी भी ठेकेदार को न दी जाए। उन्होंने कहा कि जब तक ग्राम पंचायत का गट विकास अधिकारी यह प्रमाणपत्र नहीं दे देता कि जल योजना के कार्य पूरो हो चुके हैं और पानी की कोई कमी नहीं तब तक सीमेंट रोड तैयार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने तहसीलदारों को भी टैंकर से जलापूर्ति की आवश्यकता पड़ने पर जलापूर्ति करने के निर्देश दिए। इसके िलए सचिव को कुएं के अधिग्रहण व टैंकर से जलापूर्ति के प्रस्ताव तुरंत तहसीलदार को दें ऐसी सूचना पालकमंत्री ने दी। यही नहीं आदिवासी विभाग में जलसंकट के कार्य न करते हुए सीमेंट रोड तैयार करने की शिकायत बैठक के दौरान की गई।
प्रथम चरण की रिपोर्ट 15 दिसंबर तक सौंपे : पालकमंत्री ने जल संकट से निपटने के लिए किए जाने वाले उपायों के प्रथम चरण की रिपोर्ट 15 दिसंबर तक जिलाधिकारी को सौंपने के लिए कहा। इसी तरह भाग 1 व 2 के कार्यों का प्रारूप जलापूर्ति विभाग जिला परिषद के पास 15 दिनों के भीतर पेश करने के लिए कहा। इस प्रस्ताव में कुएं की गहराई बढ़ाने, अधिग्रहण करने, नए सिंचाई कुएं निर्माण व मरम्मत करने के कामों का समावेश है। ग्राम पंचायतें ग्रामीणों को फिल्टर के माध्यम से शुद्ध जलापूर्ति की व्यवस्था करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने 3 साल में मुख्यमंत्री जलापूर्ति योजना में से केवल 4 योजनाओं के लिए कार्यादेश जारी किए। पहले साल 44 योजनाओं के कार्यों को मंजूरी देने के बाद भी प्राधिकरण कार्यों को पूरा नहीं कर सका, यह दु:खद है। उन्होंने नल योजना को सौर ऊर्जा से चलाने के निर्देश दिए। पेरी अर्बन गांवों में जलापूर्ति योजना ग्राम पंचायत की ओर से प्राथमिकता से की जाए। बैठक में विधायक समीर मेघे, जिला परिषद अध्यक्ष निशा सावरकर, सीईओ कादंबरी बलकवडे, जि.प. सदस्य परिणीता कडू, श्रीमती गायधने, रूपराव शिंगणे, पं.स. सभापति नम्रता राऊत, पूर्व सभापति अजय बोढारे व अन्य उपस्थित थे।
रिपोर्ट देने में विलंब,लगाई फटकार : जिला परिषद के किस टेबल में कितनी फाइलें और कितने दिनों से प्रलंबित हैं। इसकी रिपोर्ट 3 दिन में पेश करने के आदेश दिए। जीरो पेंडेंसी होने के बाद भी फाइल प्रलंबित रहने को लेकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की।
Created On :   9 Dec 2017 2:58 PM IST