केंद्र को कुछ पदाधिकारियों के फंसने का सता रहा था डर - देशमुख

Center was afraid of getting trapped some officials - Deshmukh
केंद्र को कुछ पदाधिकारियों के फंसने का सता रहा था डर - देशमुख
केंद्र को कुछ पदाधिकारियों के फंसने का सता रहा था डर - देशमुख

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भीमा कोरेगांव और एल्गार परिषद में शहरी नक्सलवाद का कितना सहभाग है या नहीं इस बात को लेकर एसआईटी (विशेष जांच दस्ता) जांच कर रही थी, उसके बावजूद भी यह मामला एनआईए को दे दिया गया, जिस पर महाराष्ट्र सरकार की आपत्ति है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि भीमा कोरेगांव की जांच राज्य सरकार कर रही थी, राज्य सरकार तह में जाकर इसकी गहराई जांच कर रही थी, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की इजाजत के बिना इसकी जांच एनआईए को सौंप दी। कानून व्यवस्था को ठीक से रखना राज्य सरकार का काम है। गृहमंत्री देशमुख सिविल लाइंस स्थित प्रेस क्लब में आयोजित "प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कुछ पदाधिकारियांे को भीमा कोरेगांव प्रकरण में फंसने का डर सताने लगा था इसलिए केंद्र सरकार ने दोहरी भूमिका निभाई।

 इसके पहले भाजपा सरकार के विरोध में बोलने वाले शहर के कुछ लोगों को पर नक्सलवाद के अपराध दर्ज कर उन्हें रोकने का फंदा उपयोग में लाया गया। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। भीमा कोरेगांव प्रकरण में बदले की भावना से कार्रवाई की गई, बिना कारण फंसने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं पर अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस बारे में विधि विशेषज्ञों की राय लेकर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध तरीके से चल रही साहूकारी पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।

सीएए-एनआरसी के विरोध में 1250 आंदोलन : सीएए-एनआरसी विरोध में आंदोलन किए गए।  केंद्र सरकार के  विरोध में 1250 आंदोलन किए गए। सभी आंदोलन शांतिपूर्वक किए गए। इस कारण राष्ट्रवादी की ओर से सीएए का हमेशा विरोध रहेगा। यह पार्टी की भूमिका है, लेकिन सरकार क्या निर्णय लेगी इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। गृहमंत्री ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव के समय अन्य पार्टी के नेताओं के फोन टैप किए। राज्य के कुछ पुलिस अधिकारी इजराइल ट्रेनिंग के लिए गए थे। वहां से उन्होंने फोन टैपिंग का सॉफ्टवेयर लाया है। इसके जरिए भाजपा सरकार ने कई नेताओं के फोन टैप किए।

पहली बार आरडीएक्स का उपयोग

देशमुख ने कहा कि वर्ष 1993 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में पहली बार आरडीएक्स का उपयोग किया गया था। संसद और वर्ष 2008 में मुंबई पर हुए हमले के बाद  ‘कोस्टल सिक्योरिटी’ का  विषय सुनने में आया। राज्य में जल्द ही 8 हजार पुलिस भर्ती की जाएगी। न्यायाधीश ब्रजगोपाल लोया प्रकरण में कुछ लोगों ने सबूत लेकर आने का दावा किए थे, लेकिन कोई अभी तक नहीं आया। जस्टिस लोया ने बाहुबली कहे जाने वाले सोहराबुद्दीन प्रकरण की सुनवाई की थी। भीमा-कोरेगांव और मराठा आंदोलन में आंदोलनकारियों पर जो मामले दर्ज हुए थे, अगर उसमें कुछ जो वापस लिए जा सकते हैं, उस पर विचार किया जाएगा। नागपुर जिला परिषद में कांग्रेस और राष्ट्रवादी ने एकत्रित होकर चुनाव लड़ा। राष्ट्रवादी को उपाध्यक्ष पद मिले यह मांग की गई थी, कांग्रेस ने दिया नहीं, लेकिन अब दो सभापति पद की मांग है। कांग्रेस ने अब धर्मनीति का पालन करना चाहिए।

गृहमंत्री ने कहा कि स्वचलित ड्रोन के कारण कहीं पर भी और कभी भी हमला हो सकता है। राज्य में करीब 2.50 लाख अवैध ड्रोन हैं। भविष्य में सबसे बड़ा खतरा ड्रोन से है, इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए गृहमंत्रालय उपायोजना पर विचार कर रहा है। देशमुख ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस पर जब मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी थी, तब वे गृह मंत्रालय के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे।, लेकिन मेरे कार्यकाल में ऐसा नहीं होगा। सर्वाधिक अपराध होने वाले शहर में नागपुर का समावेश है। यह चिंता का विषय है। भविष्य में निश्चित ही क्राइम कैपिटल का लगा दाग मिटाने की कोशिश की जाएगी। उन्हाेंने कहा कि आतंकी हमले काे रोकना है, तो पुलिस को उससे एक कदम आगे की सोच रखनी होगी। नहीं तो मुंबई बम ब्लास्ट, ताज होटल हमला, संसद पर हमला सहित ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल होगा। साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। पुणे शहर में सर्वाधिक सायबर क्राइम दर्ज किए गए हैं। पुलिस विभाग को अपडेट करने के लिए सरकार विशेष प्रयत्न कर रही है। पुलिस अधिकारियों की पदोन्नति के बारे में गंभीरता से विचार किया जाएगा। 
 

Created On :   27 Jan 2020 6:40 PM IST

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